रायगढ़ किले पर रोप-वे कंपनी का अतिक्रमण (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Raigad Fort: छत्रपति शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक धरोहर रायगढ़ किले पर बिना अनुमति किए जा रहे अवैध निर्माण को लेकर संभाजी राजे भोसले ने कड़ा रोष व्यक्त किया है। उन्होंने रोप-वे कंपनी पर किले पर अतिक्रमण कर होटल, रेस्टोरेंट और कैफे जैसे बड़े व्यावसायिक ढांचे खड़े करने के गंभीर आरोप लगाए। संभाजी राजे ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कंपनी ने बिना किसी वैधानिक अनुमति के हजारों वर्गफुट क्षेत्र में महंगे होटल, आलीशान कमरे और कैफे बनाकर व्यवसाय शुरू कर दिया है। यह ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण में हो रही लापरवाही और व्यावसायिक हितों की हनक को दर्शाता है।
संभाजी राजे ने कहा कि किले पर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज का राजमहल आज भी संरक्षण की प्रतीक्षा में खंडहर अवस्था में है। जब रायगढ़ विकास प्राधिकरण उसके संरक्षण के लिए कार्य करना चाहता है, तो पुरातत्व विभाग कड़े नियमों और शर्तों के चलते बाधा खड़ी कर देता है।“बिना लिखित अनुमति के पुरातत्व विभाग एक पत्थर भी हिलाने नहीं देता। लेकिन रोप-वे कंपनी सभी नियमों को दरकिनार कर निर्माण कर लेती है यह कैसे संभव है?” पुरातत्व विभाग द्वारा नोटिस देने के बावजूद कंपनी ने निर्माण कार्य जारी रखते हुए अपने प्रोजेक्ट पूरे कर लिए, ऐसा भी उन्होंने आरोप लगाया।
संभाजी राजे ने सवाल उठाया।“एक व्यावसायिक कंपनी को इतना साहस और ढिठाई कहां से मिलती है?” उन्होंने कहा कि किले पर आने वाले लाखों शिवभक्तों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में पुरातत्व विभाग नियमों का हवाला देकर काम रोक देता है, लेकिन निजी कंपनी को मनमानी की खुली छूट मिल रही है।
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उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के राजदरबार और नगाड़खाना पर छत लगाने के प्रस्ताव को दिल्ली से मंजूरी दिलाने के लिए पिछले 5-7 वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन प्रमाण होने के बावजूद अनुमति अब तक लंबित है। संभाजी राजे ने जोर देकर कहा कि इस पूरे मामले की साजिश का खुलासा होना आवश्यक है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।