पुलिस भर्ती परीक्षा में फिर एक बार घोटाला (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नागपुर: पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि बीते 28 जुलाई को कांस्टेबल की लिखित परीक्षा में जमकर नकल की गई। मामला सामने आते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मचा गया। मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंगल ने पुलिस उपनिरीक्षक समेत 3 पुलिसकर्मचारियों को तत्काल सस्पेंड करने के आदेश जारी किए।
मिली जानकारी के अनुसार, निलंबित किए गए पुलिस कर्मचारियों में विशेष शाखा के पुलिस उपनिरीक्षक संजय चव्हाण, गिट्टीखदान पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल संतोष ब्रिजलाल फकुडे और जरीपटका थाने के पुलिस कांस्टेबल सिद्धार्थ भोजराज लोखंडे शामिल हैं। भर्ती प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ी को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।
बता दें कि पुलिस भर्ती 2022-2023 प्रक्रिया के दौरान पात्र उम्मीदवारों के लिए बीते 28 जुलाई को यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और दत्ता मेघे मेडिकल कॉलेज, वानाडोंगरी, हिंगना रोड में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। इससे एक दिन पहले (27 जुलाई) परीक्षा के लिए तैनात किए जाने वाले सभी संबंधित पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक बुलाई गई थी। वरिष्ठ अधिकारियों ने मार्गदर्शन करते हुए परीक्षा के दौरान सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे। ब्रीफिंग के बावजूद निलंबित किए गए पीएसआई और कर्मचारियों को वरिष्ठ अधिकारियों का भय नहीं था। उक्त कर्मचारियों पर पात्र उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में मदद करने का आरोप है।
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28 को आयोजित परीक्षा के दौरान पीएसआई संजय चव्हाण, संतोष फकुडे और सिद्धार्थ लोखंडे को परीक्षा केंद्र यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, वानाडोंगरी के डिपार्टमेंट ऑफ एप्लाइड साइंस एंड ह्यूमिनिटीज बिल्डिंग में परीक्षा कक्ष क्र। एससी 3-11 में पर्यवेक्षक और सहायक के रूप में नियुक्त किया गया था। लिखित परीक्षा पूर्ण होने के बाद उक्त परीक्षा कक्ष में गड़बड़ी होने की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को प्राप्त हुई।
शिकायत के अनुसार परीक्षा कक्ष में नकल किए जाने की बात का खुलासा किया गया। इसके बाद पुलिस भर्ती चयन मंडल द्वारा कक्ष में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। फुटेज से यह साफ हो गया की उम्मीदवार एक दूसरे के साथ संपर्क करते हुए परीक्षा हल कर रहे थे। पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी के बावजूद इस तरह की चीटिंग होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत तीनों पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया।
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पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा में हुई नकल के बाद पीएसआई चव्हाण, फकुडे और लोखंडे को 3 महीनों के लिए निलंबित किया गया है। इसी के साथ आदेश दिए गए हैं कि उक्त अवधि के दौरान यदि सस्पेंड कर्मचारी किसी तरह की निजी नौकरी या व्यापार करते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। निलंबित पुलिस कर्मचारियों को पुलिस मुख्यालय भेजने के आदेश भी जारी किए गए हैं।