प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेशमबाग स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्मृति मंदिर परिसर में प्रथम सरसंघचालक पी. केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर की समाधी स्मारक को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मोदी ने दी नागपुर के आरएसएस मुख्यालय को भेट। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेशमबाग स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्मृति मंदिर परिसर का दौरा किया और प्रथम सरसंघचालक पी. केशव बलिराम हेडगेवार की समाधि के साथ-साथ दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर की बलिदान वेदी के रूप में बने स्मारक को श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां पीएम मोदी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की है। बता दें कि, प्रधानमंत्री के तौर पर यह पहली बार हुआ है जब कोई नेता आरएसएस मुख्यालय पहुंचा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "यह स्मृति मंदिर भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और एकता के मूल्यों को समर्पित है।" यह हमें राष्ट्र की सेवा जारी रखने के लिए प्रेरित करता है। "इन दो महान पुरुषों की स्मृति को संजोने वाला यह स्थान राष्ट्र की सेवा में समर्पित लाखों स्वयंसेवकों के लिए ऊर्जा का केंद्र है।" मोदी ने आगंतुकों की प्रतिक्रिया को आगंतुक लॉग में दर्ज किया।
इस अवसर पर उन्होंने महर्षि व्यास सभागार, दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार एवं परिसर का निरीक्षण किया तथा उपस्थित लोगों से बातचीत भी की। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उपस्थित थे। पूर्व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने सभा का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "जो विचार सौ वर्ष पहले बोये गये थे, वे आज वट वृक्ष की तरह दुनिया के सामने हैं। सिद्धांत और आदर्श इसे ऊंचाई देती हैं और लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक इसकी शाखाएं हैं। यह कोई साधारण वट वृक्ष नहीं है, बल्कि आरएसएस भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट वृक्ष है।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह स्थान हमें राष्ट्र सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ के संस्थापक की स्मृति में खास संदेश भी लिखा। पीएम मोदी ने अपने संदेश में संघ के संस्थापक को श्रद्धांजलि दी और लिखा, "परम पूज्य डॉ. हेडगेवार जी और पूज्य गुरुजी को शत-शत नमन। उनकी स्मृतियों को संजोने इस स्मृति मंदिर में आकर अभिभूत हूं। भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठन शक्ति के मूल्यों को समर्पित यह स्थल हमें राष्ट्र की सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। संघ ने इन दो मजबूत स्तंभों की यह स्थली देश की सेवा में समर्पित लाखों स्वयंसेवकों के लिए ऊर्जा पुंज है। हमारे प्रयासों में मां भारती का गौरव बढ़ता रहे!"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि इतनी लंबी यात्रा के कारण समाज ने संघ के स्वयंसेवकों को देखा, परखा और स्वीकार किया है। नागपुर में आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर के विस्तारित भवन की आधारशिला रखी। इस दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि "लंबी यात्रा के कारण समाज ने संघ के स्वयंसेवकों को देखा, परखा और स्वीकार किया है। परिणामस्वरूप, अनुकूल स्थिति बनी, बाधाएं भी दूर हुईं और स्वयंसेवक आगे बढ़ रहे हैं।"
मोहन भागवत ने कहा कि "संघ के दर्शन में हम कहते हैं कि 1 घंटा आत्म-विकास पर लगाएं और 23 घंटे उस विकास का उपयोग समाज के कल्याण के लिए करें। यही हमारा दृष्टिकोण है और हमारे सभी प्रयास इसी सिद्धांत से प्रेरित हैं।" उन्होंने आगे कहा कि स्वयंसेवक अपने लिए कुछ नहीं मांगते, वे सिर्फ निस्वार्थ रूप से सेवा करते रहते हैं, इस लंबी यात्रा के कारण देश ने संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों को देखा है।