नागपुर खंडपीठ (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur News: झिंगाबाई टाकली स्थित एक सम्पत्ति को लेकर चल रहे विवाद के मामले में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी नितिन कोहले द्वारा समय मांगे जाने के बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई तो स्थगित कर दी किंतु अगली सुनवाई के दौरान सम्पत्ति के जो भी दस्तावेज प्रस्तुत करना चाहते हैं, उन्हें रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया।
अब सुनवाई के दौरान विवादित सम्पत्ति के दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने के बाद आज ही दस्तावेज प्राप्त होने के कारण अध्ययन के लिए कुछ समय देने का अनुरोध याचिकाकर्ता की ओर से किया गया जिसके बाद हाई कोर्ट ने 13 अगस्त तक के लिए सुनवाई स्थगित की। याचिका के अनुसार प्रतिवादी नितिन कोहले और उमेश कोहले को झिंगाबाई टाकली स्थित प्लॉट संख्या 27 और 27ए का मालिक बताया गया है।
दावा यह है कि उक्त सम्पत्ति पर प्रतिवादियों की ओर से अवैध निर्माण किया गया है। आश्चर्यजनक यह है कि पहले निर्माण किया गया और अब संबंधित प्राधिकरण से मंजूरी की मांग की जा रही है।
गत सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि प्रतिवादियों की ओर से एक ओर जहां अवैध निर्माण किया गया है वहीं योजना प्राधिकरण के रूप में प्रन्यास से न केवल महाराष्ट्र गुंठेवारी विकास (नियमन, उन्नयन और नियंत्रण) अधिनियम, 2001 के तहत भूखंडों के नियमितीकरण के लिए बल्कि संरचना को मंजूरी देने का अनुरोध किया जा रहा है। यहां तक कि इसके लिए संबंधित प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ सम्पर्क किया गया।
याचिकाकर्ता का मामला यह है कि इस अनुरोध को प्रतिवादी योजना प्राधिकरण द्वारा 31 मार्च 2023 के पत्र के माध्यम से पहले ही अस्वीकार कर दिया गया था जिसके बाद 18 अप्रैल 2023 को अवैध निर्माण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इन दोनों अवैध निर्माणों की गतिविधियों के कारण परिसर में उपद्रव पैदा हुआ है।
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याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में संबंधित प्रतिवादी योजना प्राधिकरण को उचित कार्रवाई करने के आदेश देने का अनुरोध किया गया।याचिकाकर्ता का मानना है कि भले ही जमीन पर दावा किया जा रहा हो लेकिन वास्तविकता कुछ अलग है। इसका भी निपटारा किया जाना चाहिए।
प्रन्यास को इन संरचना के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का आदेश देने का अनुरोध याचिका में किया गया। 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन की मांग भी की गई।