चंद्रशेखर बावनकुले (फाइल फोटो)
Chandrashekhar Bawankule: राज्य में भारी बारिश से किसान हताश हो गए हैं। खेत बह गए। पशुधन और घरेलू सामान भी बह गए। भारी बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया। इस स्थिति में भी सरकार ने पंचनामा अनिवार्य कर दिया है जिससे तत्काल मदद मिलने का रास्ता अस्थायी रूप से बंद हो गया है। ऐसे में मुआवजे में भी देरी हो सकती है। कांग्रेस कमेटी ने सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। राजस्व विभाग ने बुधवार को विभाग को आवश्यक निर्देश दिए।
एक सप्ताह के भीतर पंचनामा अनिवार्य करने का निर्देश दिया गया है। बारिश अब भी जारी है और नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है। प्रभावित किसान सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं। विपक्षी दल ने भी जोर देकर कहा कि सरकार को पंचनामा का इंतजार किए बिना कुछ मदद प्रदान करनी चाहिए। हालांकि सरकार की ओर से ऐसी मदद का कोई संकेत नहीं है। केवल भारी बारिश प्रभावित क्षेत्रों के लिए 2,215 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की गई है।
कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल बांध पर जाने के लिए तैयार है। इस संबंध में नागपुर विभाग समिति की एक बैठक भी हुई। कांग्रेस समिति के सदस्य और राज्य महासचिव सुरेश भोयर ने कहा कि किसान मदद का इंतजार कर रहे हैं। इस समय सरकार उनकी परीक्षा ले रही है और चुनाव से पहले की गई कर्जमाफी की घोषणाएं भी हवा में उड़ गई हैं। किसानों में गुस्सा है और अभी से यह अनुमान लगाना जरूरी है कि यदि अधिक बारिश हुई तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
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सरकार किसानों की मदद के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि विपक्ष आलोचना कर रहा है। अगर उनके पास कोई सुझाव है तो उसे लागू किया जाना चाहिए। सरकार किसानों के साथ है। हम उनके जीवन का पुनर्निर्माण करेंगे।