नितेश राणे और आदित्य ठाकरे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नागपुर: मत्स्य मंत्री नितेश राणे के बकरीद को वर्चुअल तरीके से मनाने के बयान के बाद राज्य में काफी चर्चा हो रही है। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने उन्हें नोटिस भेजने की चेतावनी दी और घोषणा की कि वे मुख्यमंत्री फडणवीस और भाजपा नेताओं से इसकी शिकायत करेंगे। इस पृष्ठभूमि में बुधवार को नागपुर आए मंत्री राणे ने बकरीद के कारण हिंदू नागरिकों की परेशानी को व्यक्त किया।
उन्होंने यह भी कहा कि बकरा काटने को लेकर दोनों समुदायों के बीच विवाद होगा और इससे कल दंगे हो सकते हैं। राणे ने कहा कि सोसायटियों में बकरे काटे जाएंगे। इससे कई सवाल पैदा होंगे और दोनों समुदायों के बीच विवाद पैदा होगा। इससे कल दंगे हो सकते हैं। अगर कोई इसे रोकने की सलाह दे रहा है, तो हमें सुनना चाहिए। प्यारे खान को मेरी सलाह है कि उन्हें मेरी कही गई बातों पर विचार करना चाहिए। उन्हें मुस्लिम समुदाय से अपील करनी चाहिए कि राणे जो कह रहे हैं वह हमारे हित में है। इको-फ्रेंडली बकरीद मनाएं।
जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति को जिम्मेदार भूमिका निभानी चाहिए। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्यारे खान को मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदायों को एकजुट करने और उन्हें जागरूक करने के लिए स्टैंड लेना चाहिए। अब प्यारे खान जो भूमिका निभा रहे हैं वह इस्लाम को बदनाम करने की है। जब हिंदू समुदाय को इको-फ्रेंडली होली, इको-फ्रेंडली दिवाली, पटाखा-मुक्त दिवाली जैसे कई सुझाव दिए जाते हैं तब हिंदू समाज समझता है।
उन्होंने कहा हम दूसरे धर्मों का नाम लेकर नहीं बैठते। मेरी स्थिति और सलाह यह है कि मुसलमानों को भी उसी तरह सोचना चाहिए जिस तरह हिंदू समाज अपना डर नहीं दिखाता। जिस तरह हिंदू समाज पर्यावरणविदों की बात मानता है और पटाखे नहीं फोड़ता, रंग नहीं खेलता, उसी तरह मुसलमानों को भी पर्यावरण के अनुकूल बकरीद मनानी चाहिए, यह मेरी अच्छी सलाह है। राणे ने कहा कि इसमें हिंदू-मुस्लिम विवाद पैदा करने का सवाल ही कहां है।
राज्य के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने एक बार फिर शिवसेना ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे पर फिर एक बार तंज कसते हुए कहा कि आदित्य ठाकरे को अपना उपनाम बदलकर आदित्य खान या आदित्य शेख रख लेना चाहिए। तब यह ज्यादा उपयुक्त लगेगा। उन्होंने यह भी अपनी राय व्यक्त की कि अगर बालासाहेब के पोते इस तरह से बोलने जा रहे हैं, तो वे ठाकरे उपनाम का उपयोग करने के लायक नहीं है।
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दोनों ठाकरे भाइयों के एक साथ आने की चर्चा पर उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों भाइयों को क्या करना चाहिए यह उनका पारिवारिक मामला है। उन्होंने कहा कि वे एक साथ आए या नहीं। अगर किसी का परिवार एक साथ आ रहा है, अगर विवाद सुलझ रहा है, तो यह अच्छी बात है। हमें इसके बारे में सोचने, नोटिस लेने या दुखी होने की जरूरत नहीं है।