
नागपुर न्यूज
Vehicle Fitness Test: परिवहन विभाग ने सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कम करने और वाहन निरीक्षण में पारदर्शिता लाने के लिए कमर कस ली है। अब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में मानव हस्तक्षेप की बजाय स्वचालित परीक्षण केंद्र (एटीसी) कार्यरत होंगे जो यात्री और मालवाहक वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करेंगे।
यह नई प्रणाली नये साल में पूरी तरह से शुरू होने की संभावना है जिससे आरटीओ में एजेंटों पर अंकुश लग जाएगा। नये वाणिज्यिक वाहनों के लिए पहले 2 वर्षों तक फिटनेस प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बाद फिटनेस प्रमाणपत्र का हर 2 वर्ष में नवीनीकरण कराना होता है। 8 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए हर वर्ष फिटनेस परीक्षण कराना अनिवार्य है।
फिटनेस प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त होने पर प्रति दिन 50 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। वर्तमान में आरटीओ निरीक्षक हैंडब्रेक, इंडिकेटर, वाइपर और ब्रेक चालू करके वाहन का निरीक्षण करते हैं। अक्सर वाहन को खुली सड़क पर चलाकर निरीक्षण किया जाता है। यह विधि पूरी तरह से निरीक्षक के विवेक पर निर्भर करती है।
पारंपरिक निरीक्षणों के लिए आरटीओ को एक बड़े ट्रैक की आवश्यकता होती है। हालांकि एटीसी प्रणाली एक समर्पित शेड में संचालित होती है। सभी रीडिंग मशीन द्वारा तब ली जाती हैं जब वाहन स्थिर होता है या रोलर्स पर चल रहा होता है।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कुल 54 स्वचालित परीक्षण केंद्र स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। इनमें से कई केंद्रों पर निर्माण और मशीनरी की स्थापना का काम चल रहा है। ये केंद्र सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर संचालित किए जाएंगे।
वर्तमान में आरटीओ में वाहन की फिटनेस जांच के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। जब वाहन एटीसी सिस्टम में प्रवेश कर जाए तो सभी तकनीकी परीक्षण मात्र 6 मिनट में पूरे हो जाएंगे।
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नये ‘एटीसी’ केंद्रों में अत्याधुनिक सेंसर और कम्प्यूटरीकृत मशीनों का उपयोग करके वाहनों की तकनीकी जांच की जाएगी। फिटनेस प्रमाणपत्र तभी जारी किया जाएगा जब मशीनें ‘ओके’ रिपोर्ट देंगी।
स्वचालित प्रणाली भ्रष्टाचार की संभावना को पूरी तरह खत्म कर देगी। मशीन द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट सीधे सर्वर पर अपलोड की जाएगी, इसलिए किसी के भी हाथ में नापास वाहन को पास करने का अधिकार नहीं रहेगा।
स्वचालित परीक्षण केंद्र (एटीसी) सड़क सुरक्षा में काफी सुधार लाएंगे। इनमें मानवीय हस्तक्षेप न होने के कारण ये अत्यंत सटीक रिपोर्ट प्रदान करेंगे। इन केंद्रों की स्थापना के लिए निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ये केंद्र वाहन मालिकों को निर्बाध सेवा प्रदान करेंगे।
– विजय चव्हाण, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, नागपुर ग्रामीण






