आखिर हिंसा ने ले ही ली एक व्यक्ति की जान। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में 17 तारीख को हुए दंगे में घायल 40 साल के इरफान अंसारी की शनिवार को मौत हो गई। बता दें कि हिंसा के दिन उन्हें गंभीर अवस्था में रेलवे स्टेशन के पास घायल पाया गया था। इरफान के सिर में गंभीर चोटें आई थी और एक पैर ‘फ्रैक्चर’ हो गया था। वह नागपुर रेलवे स्टेशन से इटारसी जाने वाली ट्रेन पकड़ने गए थे। घायल अवस्था में पाए जाने के बाद पुलिस ने उन्हें तुरंत इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां वे पिछले 6 दिनों से वेंटिलेटर पर थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज सुबह इरफान अंसारी जिंदगी की जंग हार गए।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि इरफान अंसारी की इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीजीएमसीएच) में दोपहर एक बजकर 20 मिनट पर मौत हो गई। उन्होंने कहा कि अंसारी को गंभीर रूप से घायल हो जाने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंसारी सोमवार रात करीब 11 बजे घर से नागपुर रेलवे स्टेशन से इटारसी के लिए ट्रेन यात्रा के लिए निकले थे। यह इलाका हिंसा से प्रभावित था जिसमें वह घायल हो गए।
17 मार्च को इरफान अंसारी नागपुर रेलवे स्टेशन से एक बजे इटारसी जाने वाली ट्रेन पकड़ने के लिए निकले थे। वह सोमवार को रात के करीब 11 बजे अपने घर से निकले थे। बड़े नवाज नगर के निवासी इरफान अंसारी ‘वेल्डर’ का काम करते थे। इरफान के भाई इमरान ने उनकी हालत के बारे में बताया था कि इरफान के सिर में गंभीर चोटें आई हैं और एक पैर ‘फ्रैक्चर’ हो गया है। सिर में आई गंभीर चोटों की वजह से इरफान को शुरू से ही वेंटिलेटर में रखा गया था लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उनकी जान बचा पाने में नाकाम रहे।
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नागपुर हिंसा में मृत इरफान अंसारी के भाई इमरान सानी ने कहा कि हमने उसे बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन हम नहीं बचा पाए, डॉक्टरों ने उसका अच्छा इलाज किया, लेकिन वे उसे बचा नहीं पाए। मेरा भाई इरफान अंसारी ऑटो में बैठकर इटारसी जंक्शन रेलवे स्टेशन के लिए निकला था। बीच में ऑटो वाले ने उससे कहा कि वह (ऑटो वाला) आगे नहीं जाएगा क्योंकि माहौल ठीक नहीं है। फिर मेरे भाई ने रेलवे स्टेशन तक पैदल जाने का फैसला किया। रास्ते में कुछ अज्ञात लोगों ने उस पर इतना हमला किया कि वह बेहोश हो गया। उसके सिर पर गंभीर चोटें आईं, पैर फ्रैक्चर हो गया, पीठ में चोट आई। उसने कहा कि उस पर पब्लिक ने हमला किया। हम आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग करते हैं। भविष्य में किसी के साथ ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार न हो।
#WATCH | Nagpur violence | Imran Sani, brother of deceased Irfan Ansari, says, ” We tried our best to save him but we couldn’t, doctors treated him well, but they couldn’t save him. My brother Irfan Ansari had left for Itarsi Junction Railway Station in an auto. In between auto… https://t.co/NBOPrpvWsJ pic.twitter.com/Q8d8urXkPM
— ANI (@ANI) March 22, 2025
बता दें कि मध्य नागपुर के महल इलाके में 17 मार्च की शाम करीब 07:30 बजे हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया। हिंसा के दौरान DCP स्तर के 3 अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इलाके में यह अफवाह फैली कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों के आंदोलन के दौरान पवित्र आयत लिखी चादर जलाई गई थी। हिंसा के इस मामले में अब तक कुल 105 लोग पकड़े गए हैं। नागपुर हिंसा के मामले में 10 नाबालिगो को भी हिरासत में लिया गया हैं।