बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur News In Hindi: रेलवे में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को फर्जी कॉल लेटर, मेडिकल लेटर, जॉइनिंग लेटर और ट्रेनिंग लेटर देकर लाखों की ठगी करने के मामले में शिकायत के बाद नागपुर पुलिस ने मिथुन गजभिये के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया है।
मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए मिथुन ने अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दायर की। इस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर याचिका खारिज कर दी। अभियोजन पक्ष के अनुसार मिथुन ने शिकायतकर्ता और अन्य नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को फर्जी कॉल लेटर, मेडिकल लेटर, जॉइनिंग लेटर और ट्रेनिंग लेटर थमा दिए थे।
यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब उम्मीदवार अपने बताए गए पोस्टिंग स्टेशनों पर पहुंचे और उन्हें पता चला कि सभी दस्तावेज़ नकली थे। आरोपों के मुताबिक आरोपी ने 12 लोगों से कुल 17 लाख रुपये की ठगी की है।
सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने दलील दी कि मिथुन खुद इस धोखाधड़ी का शिकार हुआ। वकील के अनुसार सह आरोपी प्रकाश प्रसाद ने मिथुन को रेलवे विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों से अपनी जान-पहचान होने का झांसा दिया था।
मिथुन ने खुद रेलवे में नौकरी पाने के लिए प्रकाश को 10 लाख रुपये दिए थे। आरोपी ने यह भी दावा किया कि उसने अपनी पत्नी, साले और चचेरे भाइयों की नौकरी के लिए पैसे दिए थे और इस संबंध में झारखंड उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर की है।
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वहीं सरकारी वकील ने जमानत याचिका का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि आरोपी अपराध दर्ज होने के बाद से फरार है। उसे 3 जनवरी, 2025 और 9 जनवरी, 2025 को पुलिस के सामने पेश होने के लिए नोटिस दिए गए थे लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और उसने कई लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगा है। अदालत ने यह भी कहा कि मामले की पूरी सच्चाई का पता लगाने और तह तक जाने के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। इन्हीं आधारों पर अदालत ने मिथुन गजभिये की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।