
त्रिदेवी ने खोला सरकार के खिलाफ दारूबंदी मोर्चा
Nagpur Protests: कहा जाता है कि यदि महिलाएं किसी संकल्प पर अडिग हो जाएं, तो उसे पूरा किए बिना शांत नहीं बैठतीं। इसी जिजीविषा के साथ धुले की गीतांजली कोली दो शराब-पीड़ित महिलाओं के साथ समूचे महाराष्ट्र में शराबबंदी की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। सेवाग्राम आश्रम से पदयात्रा करते हुए ये तीनों महिलाएं नागपुर पहुंचीं। मंगलवार को विभिन्न संगठनों द्वारा शहर में कई मोर्चे निकाले गए। किसी मोर्चे की संख्या हजारों में थी तो कुछ सैकड़ों में। तीन महिलाओं के इस छोटे से मोर्चे के लिए भी पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया था। संख्या कम होने के बावजूद इनके उत्साह और संकल्प में कोई कमी नहीं दिखी। उद्देश्य स्पष्ट था।
राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाया जाए। गीतांजली ने बताया कि उनके पति को शराब की लत थी। वह छोटे व्यापार के जरिए घर चलाती हैं। जिन भी महिलाओं से वह मिलीं, उनकी अधिकांश समस्याओं की जड़ शराब ही थी। कई महिलाओं के पति शराबखोरी के कारण जान गंवा चुके हैं। इस वजह से उन्होंने शराब के खिलाफ अभियान शुरू किया और धुले के आसपास 350 गांवों में जनजागृति की।
उनके साथ मोर्चा निकाल रहीं उषा और लीलाबाई की कहानी भी मिलती-जुलती है। तीन महिलाएं ही मोर्चे में क्यों इस पर गीतांजली का कहना है कि ग्रामीण महिलाओं के पास रोज़गार का यही एक साधन है। वे रोज़ कमाकर घर चलाती हैं। मोर्चे में शामिल होने से उनकी आजीविका प्रभावित होती। सीमित संसाधनों के कारण अधिक महिलाओं को साथ लाना संभव नहीं था, लेकिन फिर भी उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करने का दृढ़ निश्चय किया है। तीनों महिलाओं के शिष्टमंडल ने मंत्री गणेश नाइक को निवेदन सौंपा। मंत्री ने इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल में चर्चा कर सकारात्मक निर्णय का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना के तहत प्रशिक्षित होने के बावजूद बेरोजगार युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा निकाला। हरीभाऊ राठोड़, अनूप चव्हाण और प्रकाश साबले ने मोर्चे का नेतृत्व किया। चव्हाण ने बताया कि योजना के तहत 1.75 लाख युवक-युवतियों ने सरकारी व निजी संस्थानों में 11 माह का प्रशिक्षण लिया, लेकिन प्रशिक्षण के बाद भी वे बेरोजगार हैं क्योंकि सरकार के पास स्थायी नियुक्ति की नीति नहीं है। युवाओं ने “अब चॉकलेट नहीं, रोजगार चाहिए” की मांग के समर्थन में चॉकलेट टोपी, चॉकलेट दुपट्टा और कपड़ों पर चॉकलेट लगाकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस ब्वॉयज़ असोसिएशन के मोर्चे में मुफ्त चिकित्सा सुविधा बनाए रखने, 5,000 रुपये अतिरिक्त भत्ता देने, पुलिस भर्ती में बच्चों को 10% आरक्षण देने, लंबित डीजी लोन तुरंत जारी करने, शहीद पुलिस कर्मियों की विधवाओं की पेंशन में 10 वर्ष बाद 40% कटौती से जुड़े निर्णय को रद्द करने, अनुकंपा नियुक्ति नीति सुधारने जैसे मुद्दे उठाए गए। मोर्चे का नेतृत्व प्रमोद वाघमारे ने किया।
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संविधान प्रचारक संघ द्वारा नारी रोड स्थित 130 एकड़ जमीन पर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर पार्क, अंबाझरी में 20 एकड़ में स्मारक, यशवंत स्टेडियम समीप जन्मशताब्दी स्मारक तथा कामठी रोड पर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल निर्माण की मांग को लेकर मोर्चा निकाला गया। मात्र 10 आंदोलनकारियों की संख्या के बावजूद उत्साह प्रबल था।

नागपुर जिला प्राथमिक शिक्षक समन्वय समिति ने टीईटी की कठोर शर्तों और लंबित मांगों के विरोध में विशाल मोर्चा निकाला। समिति ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी न होने पर स्कूल बंद आंदोलन किया जाएगा। मोर्चे का नेतृत्व लीलाधर ठाकरे, राजकुमार वैद्य, धनराज बोड़े, तुषार अंजनकर, आशुतोष चौधरी व सुधाकर अडबाले ने किया। कई विधायकों ने भी समर्थन जताया। मुख्य मांगों में पुरानी पेंशन लागू करने, शिक्षक सेवक योजना रद्द करने, लंबित भर्ती शीघ्र शुरू करने और गैर-शैक्षणिक कार्य से मुक्त कराने जैसी मांगें हैं। शिष्टमंडल ने शिक्षण मंत्री दादा भूसे से मुलाकात की।






