नागपुर महानगर पालिका (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Municipal Corporation News: नागपुर महानगर पालिका ने अपने कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान न करने की कई शिकायतों के बाद ओसीडब्ल्यूपीएल के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इस मामले में आयुक्त अभिजीत चौधरी ने जांच का आदेश जारी किया। यहां तक कि कंपनी के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी करने और अनुबंध समाप्त करने की चेतावनी दी गई है।
बताया जाता है कि कर्मचारियों द्वारा न्यूनतम मजदूरी न मिलने की शिकायतों के मद्देनजर आयुक्त ने मामले की जांच का आदेश दिया। 1 अगस्त 2025 को एक समिति का गठन किया गया था जिसमें अतिरिक्त आयुक्त अजय चारठणकर, अधीक्षक अभियंता श्वेता बनर्जी, कार्यकारी अभियंता श्रीकांत वाईकर, विधि अधिकारी प्रशांत बर्दे और कनिष्ठ अभियंता प्रमोद भस्मे शामिल थे।
बताया जाता है कि जांच समिति ने शिकायतों के मद्देनजर कंपनी से कई बार दस्तावेजी जानकारी प्रस्तुत करने को कहा था। यहां तक कि इस संदर्भ में पत्र भी जारी किए। ओसीडब्ल्यूपीएल ने एनएमसी के कई पत्रों के बावजूद अपने कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करने का कोई दस्तावेजी सबूत प्रस्तुत नहीं किया।
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कंपनी ने दावा किया कि अतिरिक्त श्रम आयुक्त द्वारा मामला संसाधित किया जा रहा था लेकिन इसके समर्थन में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया। एनएमसी और मेसर्स ओसीडब्ल्यूपीएल के बीच हुए समझौते के अनुसार कंपनी अपने कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करने के लिए बाध्य है। सहयोग और सबूत की कमी को देखते हुए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का उल्लंघन होता दिखाई दे रहा है। कंपनी द्वारा जानबूझकर तथ्यों को छिपाया जा रहा है।
नागपुर मनपा आयुक्त ने ओसीडब्ल्यूपीएल को अनुबंध के उल्लंघन के लिए कानूनी नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। इस नोटिस में दंडनीय कार्रवाई और अनुबंध की संभावित समाप्ति की चेतावनी भी शामिल है। इसके अतिरिक्त आयुक्त ने ओसीडब्ल्यूपीएल के सभी चल रहे बिलों से 25% की कटौती करने का निर्देश दिया है और बैंक को भी इस संबंध में सूचित करने को कहा है।
मनपा का मानना है कि उसके साथ एग्रीमेंट में चल रहीं सभी एजेंसियां श्रम कानूनों और उचित मजदूरी की शर्तों का पालन करें। यह कार्रवाई एजेंसियों द्वारा कर्मचारियों के अधिकारों के हनन को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।