
प्रतीकात्मक तस्वीर (डिजाइन)
Nagpur Municipal Corporation Election: महाराष्ट्र में नगर परिषद और और नगर पंचायत के चुनाव हो रहे हैं। इसके बाद नगर निगम के चुनाव होने है। इस दौरान महाराष्ट्र के उपराजधानी नागपुर महानगरपालिका (NMC) के भी चुनाव होंगे। इससे पहले हम आपकों प्रभागवार समीकरण और राजनीति के के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
इस कड़ी में आज हम पहुंच चुके है नागपुर के प्रभाग क्रमांक 4 में। इस प्रभाग के विकास के लिए भले ही कड़ी मशक्कत करनी पड़ी हो लेकिन 5 वर्षों में कभी प्रन्यास, कभी मनपा तो कभी विधायक और सांसद से निधि लाकर लोगों की समस्या हल की गई है।
जहां लोगों को बारिश में कीचड़ से होकर गुजरना पड़ रहा था वहां पर अब सीमेंट की सड़कों का जाल बिछा हुआ है। इस तरह के दावे पूर्व पार्षदों की ओर से किए गए। उनका मानना है कि वर्ष 2017 से पूर्व यहां के निवासी अविकसित क्षेत्र होने का दंश झेल रहे थे।
लोगों को पीने का पानी लेने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ती थी। अब मूलभूत सुविधाओं में सड़क, पानी, सीवरेज, बिजली के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं में केंद्र सरकार की योजना के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया है।
इसी तरह से मनपा की स्कूल को स्मार्ट सिटी के अंतर्गत डिजिटल स्कूल बनाया गया। अब कुछ खेल के मैदान विकसित करना है। इसी तरह से प्रवासी मजदूरों के लिए निवारा केंद्र बनाने का संकल्प है। यदि जनता ने फिर से मौका दिया तो प्रभाग की सूरत बदलने की इच्छा पूर्व पार्षदों ने जताई।
नागपुर के प्रभाग 4 में भाजपा के चारों पूर्व पार्षदों का भले ही पूरी ताकत से विकास करने का दावा किया जा रहा हो किंतु विपक्षी पार्षद रहे अनिल पांडे, अंजली समतकर, कुमारेश अवचट और सत्यशीला काले का मानना है कि यहां के पार्षद केवल कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही विकास कार्य करते रहे हैं।
शुरू से ही उनका भेदभावपूर्ण रवैया रहा है। यहां तक कि कहां-कहां से और कौनसे बूथों पर से अधिक वोट प्राप्त हुए हैं उनका आकलन कर विशेष रूप से उन्हीं हिस्से में विकास कार्यों और वहां के जनता की समस्याओं पर ध्यान दिया गया।
जनप्रतिनिधि भले ही लोगों को भूल गए हों लेकिन चूंकि अधिकांश हिस्सा उत्तर नागपुर का भी है। ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते लोगों की समस्या से हमेशा जुड़े रहे। वर्तमान में भी लोगों की समस्या के प्रति जद्दोजहद जारी है।
| जीतेने वाले प्रत्याशी | वोट्स | दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी | वोट्स |
|---|---|---|---|
| निरंजना पाटिल | 9,481 | सत्यशीला काले | 4,521 |
| शेषराव गोतमारे | 9,972 | कुमरेश अवचट | 4,357 |
| मनीषा अतकरे | 10,364 | अंजली समतकर | 4,480 |
| राजकुमार शाहू | 7,056 | अनिल पांडे | 3,943 |
भाजपा :- निरंजना पाटिल, मनीषा अतकरे, राजकुमार शाहू, वसंत पटले, अरुण हारोडे, मोहन ठाकरे
कांग्रेस :- कुमरेश अवचट, अनिल पांडे, कल्पना गोस्वामी, विपुल महल्ले, बाबूलाल शाहू, पप्पू यादव
शिवसेना :- लता माहुरे, रेखा हारोडे, अनिल शाहू, सीताराम शाहू, सरिता मस्के
नियमों के अनुसार लगभग पूरा प्रभाग ही प्रन्यास के अधिकार क्षेत्र में होने के कारण आम तौर पर मनपा से विकास के लिए निधि नहीं मिल पाती है। इसके अलावा अधिकांश हिस्सा लेआउट का है। कुछ लेआउट हस्तांतरित नहीं हो पाए हैं। ऐसे में लोगों को मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है।
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आलम यह है कि अभी भी इस प्रभाग के कई हिस्सों में पक्की सड़क नहीं बनी है। बारिश के दिनों में अभी भी लोगों को मशक्कत करनी पड़ती है। इसी तरह से कुछ छत्तीसगढ़ी एरिया है जहां पर प्रवासी मजदूर रहते हैं। इन इलाकों में जाने पर यह किसी गांव से कम दिखाई नहीं देता है।
कलमना जैसे इस क्षेत्र में सर्वाधिक परेशानी सीवरेज, पानी और सड़कों की बनी हुई है जिस पर प्रन्यास का ध्यान नहीं है और मनपा से विकास के लिए आवश्यकता अनुसार निधि नहीं मिल पाती है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है।
प्रभाग-4 का 95 प्रतिशत क्षेत्र प्रन्यास के अधिकार क्षेत्र में आता है। जिस तरह से भौगोलिक स्थिति के कारण यह विकास से दूर रहा उसी तरह से राजनीतिक स्थिति के चलते भी यहां पूरी तरह से विकास नहीं हो पाया है।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस प्रभाग में कुल 62 बूथ हैं जिनमें से केवल 18 बूथ ही पूर्व नागपुर विधानसभा क्षेत्र में आते हैं, जबकि 36 बूथ उत्तर नागपुर में आते हैं। इस वजह से यह क्षेत्र राजनीतिक द्वेष से बाधित हो गया।
वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से ही विकास निधि आ रही है। राज्य में भाजपा की सत्ता है, जबकि अधिकांश हिस्सा कांग्रेस के विधायक नितिन राऊत का है। हालांकि दोनों विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में विकास तो किया किंतु सरकार से निधि मिलने में भेदभाव रहा है।
आश्चर्यजनक यह है कि केवल 20 प्रतिशत ही हिस्सा पूर्व नागपुर विधानसभा क्षेत्र में होने से विकास की गति पर निश्चित ही असर पड़ा है जिससे भाजपा के ही उम्मीदवारों को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।






