
नागपुर न्यूज
NMC Staff Shortage: मनपा का हर वर्ष भले ही बजट बढ़ता जा रहा हो किंतु कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ पाई है। आलम यह है कि कुल 17,981 मंजूर पदों में से केवल 9,366 पदों पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं। मनपा का बजट बढ़ने के बाद भी केवल आस्थापना खर्च निर्धारित सीमा से अधिक न चला जाए, इसके लिए वर्षों से पद रिक्त पड़े हुए हैं, जबकि बढ़ती जनसंख्या के कारण सेवा-सुविधाओं का बोझ भी बढ़ता जा रहा है।
प्रशासन द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत पद रिक्त हैं जिससे प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी पर काम का दोगुना बोझ है। जानकारों की मानें तो एक-एक अधिकारी के पास कई विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिससे कोई भी अधिकारी किसी एक जिम्मेदारी को न्याय नहीं दे पा रहा है। मनपा में कुल 8,615 पद रिक्त होने का खामियाजा जनता भुगत रही है।
एक ओर जहां मनपा आस्थापना पर स्थायी पद भरने से कतरा रही है वहीं दूसरी ओर कई विभागों में कुछ न कुछ काम आउटसोर्स कर इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। आश्चर्यजनक यह है कि कई अधिकारियों को तो सेवानिवृत्त होने के बाद भी रखा गया है। इस संदर्भ में प्रशासन का मानना है कि मनपा को उनके अनुभव का लाभ होगा।
जानकारों की मानें तो यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें धीरे-धीरे पूरा सिस्टम ही निजी कंपनियों के हाथों में चला जाएगा। केवल अनुभव के नाम पर सेवानिवृत्तों को नहीं रखा जाना चाहिए। ऐसे में मनपा में कभी भी नये पद भरे नहीं जा सकेंगे। वैसे भी आउटसोर्सिंग के चलते करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। यदि स्थायी पद पर भर्ती हो तो यही निधि वेतन पर खर्च की जा सकेगी।
आश्चर्यजनक यह है कि किसी भी हाल में वर्ग-1 और वर्ग-2 के पदों को आउटसोर्स नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद वर्ग-1 के लिए मंजूर 309 पदों में से अब तक केवल 115 पदों को ही भरा गया है, जबकि इससे अधिक 194 पद रिक्त हैं। कर्मचारियों को इस वर्ग में लंबे समय से पदोन्नति ही नहीं दी गई है।
यह भी पढ़ें – शादियों से हो रही सरकार की कमाई, GST से करोड़ों का दहेज, जानें किस आइटम पर कितना टैक्स
हालांकि हाल ही में मनपा आयुक्त ने कुछ पदोन्नति को मंजूरी तो दी इसके बावजूद इतने पद रिक्त है। इसी तरह से वर्ग-2 में मंजूर 229 पदों में से मात्र 35 पद कार्यरत हैं, जबकि इसमें भी 194 पद रिक्त हैं। जो कुल पदों का 85.71 प्रतिशत हिस्सा है। इसी तरह से वर्ग-2 के लिए मंजूर 6,534 पदों में से केवल 1,900 पद कार्यरत हैं, जबकि 4,634 पद रिक्त हैं। वर्ग-4 की स्थिति भी भयावह है जिसमें 2,249 पद मंजूर है, जबकि केवल 494 पद ही कार्यरत हैं। इस तरह से 1,755 पद रिक्त पड़े हैं।
सिटी की सफाई करने की जिम्मेदारी सफाई कर्मचारियों पर है। सफाई कर्मचारियों के लिए कुल 4,253 पद मंजूर हैं जिनमें से 3,832 पद कार्यरत हैं, जबकि केवल 421 पद रिक्त हैं। आश्चर्यजनक यह है कि इसमें केवल 9.89 प्रश पद ही रिक्त हैं। सफाई कर्मचारियों के अधिसंख्य पद 4,407 हैं जिनमें से 2,990 पर कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि इनमें 1,417 पद रिक्त होने की जानकारी सूत्रों ने दी।
| वर्ग | मंजूर | कार्यरत | रिक्त | प्र.श (%) |
|---|---|---|---|---|
| वर्ग-1 | 309 | 115 | 194 | 62.78 |
| वर्ग-2 | 229 | 35 | 194 | 85.71 |
| वर्ग-3 | 6,534 | 1,900 | 4,634 | 70.92 |
| वर्ग-4 | 2,249 | 494 | 1,755 | 78.03 |
| कुल | 9,321 | 2,544 | 6,777 | 78.70 |






