(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Nagpur Development News: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रयासों से हजारों करोड़ रुपये का निवेश नागपुर में आ रहा है। पहली बार ऐेसा हुआ कि ‘समझौते’ (एमओयू) होने के बाद कंपनियां भी धड़ाधड़ प्रोजेक्ट को शुरू करने में रुचि दिखा रही हैं। सबसे पहली जरूरत ‘जमीन’ के लिए उत्साही हैं और जमीन की मांग कर रही हैं।
प्रशासन के लिए चुनौती खड़ी हो गई है कि आखिर इतनी जमीन जल्दी से जल्दी कंपनियों को कैसे उपलब्ध कराई जाए। हालांकि जिलाधिकारी ‘अवार्ड’ कर रहे हैं और जमीन लेने की प्रक्रिया को तेज करने का प्रयत्न कर रहे हैं। इस बीच जानकारों का कहना है कि लगभग 78,844 करोड़ के 9 प्रोजेक्ट्स को जमीन मिलने का इंतजार है। इस सूची में कई बड़े नाम भी हैं।
सूत्रों का कहना है कि अतिरिक्त बूटीबोरी में भी जमीन खत्म हो चुकी है। अब यहां पर देने के लिए कुछ भी रह नहीं गया है। इसके बाद प्रशासन ने अतिरिक्त बूटीबोरी के आसपास जमीन अधिग्रहण करने के लिए पहल की है।
इस बीच 9 कंपनियों को लगभग 5,140 एकड़ जमीन की जरूरत है। इन्हें जमीन उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। सरकार और प्रशासन ताबड़तोड़ इसके लिए पहल कर रहे हैं कि जमीन हाथ में आ जाए।
इस बीच जानकारों का कहना है कि एमआईडीसी ने अपना प्रस्ताव जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पेश कर दिया है। कलेक्टर ने भी लगभग 3,000 एकड़ जमीन अधिग्रहण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। जमीन हाथ में आते ही कंपनियों को जमीन आवंटन शुरू कर दिया जाएगा।
सूत्रों की मानें तो लगभग 2,000 एकड़ जमीन सरकार के हाथ में आ भी चुकी है। इसके बाद एमआईडीसी को सौंपा जाएगा और विकास करने के बाद कंपनियों को आबंटन किया जाएगा।
जिन 9 कंपनियों ने 78,844 करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया है। उनका दावा है कि इतने निवेश से नागपुर में ही लगभग 35,425 लोगों को रोजगार मिलेगा। निश्चित रूप से ये आंकड़े उत्साहित करने वाले हैं। इतने रोजगार आने से क्षेत्र का विकास तेजी से होगा।
कंपनी का नाम | अनुमानित निवेश | रोजगार (संख्या) | जमीन चाहिए (एकड़) |
---|---|---|---|
रिलायंस इंफ्रा | 20,000 करोड़ रुपए | 7,000 | 1,500 |
संगम वन सोलर प्रा. लि. | 11,500 करोड़ रुपए | 7,500 | 700 |
पावर लाइन ऊर्जा (बासु) | 14,624 करोड़ रुपए | 4,500 | 300 |
एमएसआईडीसी | — | — | 300 |
जूपिटर इंटरनेशनल लि. | ₹10,000 करोड़ रुपए | 8,300 | 250 |
रेनिसंस सोलर एंड इलेक्ट्रिकल लि. | ₹5,000 करोड़ रुपए | 1,300 | 90 |
अवादा इलेक्ट्रो प्रा. लि. | — | — | 200 |
इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव | 12,720 करोड़ रुपए | 2,325 | 1,500 |
मेसर्स एचवाई जीरो | 5,000 करोड़ रुपए | 4,500 | 300 |
कुल | 78,844 करोड़ रुपए | 35,425 | 5,140 एकड़ |
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अतिरिक्त बूटीबोरी के बाद बूटीबोरी 1,2 और 3 जोन बनाने की पहल की गई है। नागपुर कलेक्टर को लगभग 3,000 एकड़ जमीन की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि वर्धा कलेक्टर कार्यालय को 500 एकड़ जमीन लेने को कहा गया है।
स्पष्ट है कि नागपुर और वर्धा एक हो रहे हैं और इसका लाभ सीधे तौर पर वर्धा जिले को भी बड़े पैमाने पर मिलेगा। सीमा पर भी उद्योग आते हैं तो एक बहुत बड़ी आबादी वर्धा में रहने को प्राथमिकता देगी। वहां से आना-जाना इन्हें आसान पड़ेगा। इससे वर्धा में भी हर सेक्टर में डिमांड तेजी से बढ़ेगी।