पीएमपीएमएल (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ की जीवनरेखा पीएमपीएमएल (PMPML) बस सेवा अपनी मूलभूत सुविधाओं की कमी और लचर व्यवस्था के कारण यात्रियों के लिए निरंतर सिरदर्द बनी हुई है।
नए अध्यक्ष के पदभार संभालने और डबल डेकर बस तथा कर्मचारी नियमों में बदलाव के बावजूद, आम यात्रियों की शिकायतें जस की तस हैं। यात्रियों का आरोप है कि बस परिचालक ऑनलाइन टिकट देने से हिचकिचाते हैं और क्यूआर कोड स्कैनर खराब होने का बहाना बनाते हैं। कई बार नेट नहीं है, टिकट फंस गया है।
इतना ही नहीं, ऑफिस समय के दौरान कई बसें निर्धारित स्टॉप पर रुकती ही नहीं हैं। कई बार यात्रियों को बस से नीचे उतार दिया जाता है। करुली, मोशी, चिंचली, चाकण एमआईडीसी और भोसरी एमआईडीसी जैसे प्रमुख उपनगरीय और औद्योगिक क्षेत्रों में यह समस्या विकराल रूप ले चुकी है। जब यात्री डिपो प्रबंधन से शिकायत करते हैं, तो उन्हें अक्सर ‘बस का नंबर दें’ कहकर टाल दिया जाता है, जबकि तेजी से भागती बसों का नंबर नोट कर पाना यात्रियों के लिए लगभग असंभव है।
पीएमपी यात्री मंद के संजय शितोले ने कहा है कि 66 यह समस्या पुरानी है। कंडक्टर-चालकों का व्यवहार और खराब कैमरे इस व्यवस्था को खतरनाक बना रहे है। प्रशासन कैवल कार्रवाई का आश्वासन देता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं होता।
छात्रा प्रियंका लोकडे ने कहा है कि मेरी बैग कई बार दरवाजे में फंस में फंस चुकी है। सुबह कुरुती से पुणे जाने वाली बसे स्टॉप पर रुकती ही नहीं।
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दरवाजों के अचानक बंद होने से अक्सर जानलेवा स्थिति पैदा हो जाती है। कई बार लोग आधे अंदर और आधे बाहर फंस जाते है। बैग और हाथ दरवाजों में फंसने की घटनाएं आम हो गई हैं। यात्रियों का कहना है कि ऐप और ऑनलाइन टिकट सुविधा का लाभ वास्तव में नहीं मिल पा रहा है और उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।