भयानक आग में रातभर सुलगता रहा भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: पूर्व नागपुर स्थित भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड में शनिवार दोपहर लगी आग ने कुछ ही घंटों में भयावह रूप ले लिया। कूड़े के विशाल पहाड़ ढेर में लगी इस आग से पूरा इलाका धुएं से ढक गया, और कुछ किलोमीटर दूर से भी आग की लपटें साफ नजर आ रही थीं। जिसने देखते ही देखते रौद्र रूप ले लिया। चारों ओर धुएं के गुबार और आग की लपटें इस कदर फैल गईं कि आस-पास के इलाकों के लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।
आग की जानकारी अग्निशमन विभाग को दोपहर 1:27 बजे मिली, जिसके बाद लकड़गंज फायर स्टेशन से टीम मौके पर रवाना हुई। आग की तीव्रता को देखते हुए नागपुर शहर के सभी 11 फायर स्टेशनों से अतिरिक्त फोर्स बुलाया गया।
भांडेवाड़ी के पास स्थित तुलसीनगर और अब्बूमियांनगर इलाकों में 100 से 150 फीट ऊंचे कचरे के पहाड़ हैं। सुबह से ही इनमें से धुआं उठता दिखाई दे रहा था, लेकिन दोपहर होते-होते तेज़ हवा के कारण आग तेजी से फैल गई। शहर के साथ-साथ आसपास की नगर परिषदों – वाड़ी, कामठी, बहादुरनगर परिषद, गोधनी, बेसा, हिंगना और मौदा से भी दमकल गाड़ियां बुलाई गईं। मौके पर करीब 20 फायर टेंडर और 20 पानी के टैंकर लगातार आग बुझाने में जुटे हैं। जलप्रदाय विभाग ने भी भांडेवाड़ी जलकुंभ से टैंकरों के ज़रिये पानी की आपूर्ति शुरू की।
घटनास्थल पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी बी. पी. चंदनखेडे, अतिरिक्त आयुक्त वसुमना पंत, अधीक्षक अभियंता श्वेता बनर्जी, कार्यकारी अभियंता राजेश दुपारे, स्वच्छता अधिकारी डॉ. गजेंद्र महल्ले, और एनडीएस प्रमुख वीरसिंग तांबे अपनी टीमों के साथ हालात पर नजर बनाए हुए हैं। भारी मात्रा में कचरा और बदलती हवा की दिशा के चलते आग बुझाना काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। एक जगह आग बुझाई जाती है, तो दूसरी जगह फिर से लपटें उठने लगती हैं। इस स्थिति पर काबू पाने के लिए रात्रिभर ऑपरेशन चलने की संभावना है।
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जैसे ही आग लगने की सूचना मिली, मनपा के अग्निशमन दल की 8 गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं। आग बुझाने के प्रयास तेज़ी से चल रहे थे, लेकिन आग की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी खुद आग की चपेट में आ गई। अचानक हवा की दिशा बदलने से आग की लपटें गाड़ी तक पहुंचीं और कुछ ही पलों में पूरी गाड़ी जलकर खाक हो गई। सौभाग्य से कोई जानमाल की हानि नहीं हुई, गाड़ी में मौजूद कर्मचारी समय रहते बाहर निकल गए।
धुएं की मोटी परत ने पवन शक्तिनगर, सुरजनगर, संघर्षनगर, अबूमिया नगर और तुलसी नगर जैसे इलाकों को प्रभावित किया है। नागरिकों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और भय का माहौल बन गया है। आग फैलने से रोकने के लिए लकड़गंज, वाठोड़ा, सक्करधारा, सिविल लाइन्स और अन्य क्षेत्रों से भी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। आग लगने का सही कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अनुमान है कि तेज तापमान और कचरे में मौजूद प्लास्टिक व रबर जैसे ज्वलनशील पदार्थों के कारण आग ने विकराल रूप लिया। वर्षों से जमा कचरे में विषैले और ज्वलनशील गैसों का निर्माण होता है, जो किसी भी समय भड़क सकती हैं।
घटनास्थल पर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और पास के रिहायशी क्षेत्रों के नागरिकों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। यह घटना कचरा प्रबंधन की विफलता को फिर से उजागर करती है। पर्यावरण विशेषज्ञों और स्थानीय नागरिकों ने स्थायी समाधान की मांग की है। लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई और त्वरित कार्रवाई की मांग की है।