नागपुर. डागा स्मृति शासकीय स्त्री अस्पताल (डागा) में पिछले ढाई वर्ष के दौरान जन्म के बाद महीनेभर के भीतर 64 बच्चों की मृत्यु हो गई. इनमें 2021 में 18 तथा 2022 में 38 और 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर 2023 तक यानी 7 महीने में 18 बच्चों की मृत्यु हुई. साथ ही इन ढाई वर्षों के भीतर १९४ की जन्म से पहले ही मृत्यु होने की जानकारी सामने आई है.
मध्य भारत में शासकीय स्तर पर सबसे अधिक डिलीवरी डागा अस्पताल में होती हैं. यहां 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर 2023 के बीच 3,484 मेल और 3,234 फीमेल नवजात का जन्म हुआ. वहीं 34 महिलाओं की मृत्यु हुई. साथ ही 18 नवजात 1 से 28 दिन के भीतर चल बसे. यह खुलासा सूचना के अधिकार के तहत आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर द्वारा मांगी गई जानकारी में हुआ.
अस्पताल में 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर 2023 तक हुई कुल प्रसूति में 2,804 सामान्य तथा 3,910 सिजेरियन ऑपरेशन हुए. इससे साफ हो रहा है कि सामान्य की तुलना में सिजेरियन डिलीवरी अधिक हो रही है. वहीं 1 से 28 दिन के भीतर 12 मेल और 6 फीमेल नवजात की मृत्यु हुई. उक्त समयावधि में ओपीडी में 1,08,354 मरीजों का इलाज किया गया. वहीं 20,306 मरीजों को भर्ती किया गया.
डागा में 1 जनवरी से 31 मार्च 2021 में 1,198 मेल व 1,064 फीमेल नवजात का जन्म हुआ. इसी तरह 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक 6,020 मेल व 5,713 फीमेल बेबी ने जन्म लिया. 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक यानी 6 महीने में 6,263 मेल और 5,826 फीमेल नवजात का जन्म हुआ. वहीं 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर 2023 तक 3,484 मेल और 3,234 फीमेल ने जन्म लिया. आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा है कि बेटियों की तुलना में बेटों की संख्या अधिक है.