नागपुर के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में दस्तावेजों की जांच करते मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (सोर्स: सोशल मीडिया)
Minister Bawankule Raid On Nagpur Sub-Registrar Office: महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को पिछले कुछ समय से नागपुर स्थित सब-रजिस्टार कार्यालय में रिश्वतखोरी और अनियमितताओं की लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
इन शिकायतों की सच्चाई जानने के लिए मंत्री बावनकुले ने सोमवार को खामला स्थित सब-रजिस्टार कार्यालय पर अचानक छापा मारा। उनके पहुंचते ही दफ्तर में अफरा-तफरी मच गई। अधिकारी और कर्मचारी हड़बड़ा गए। मंत्री ने मौके पर ही संबंधित फाइलों की जांच की और कर्मचारियों से जवाब-तलब किया।
शिकायतों के अनुसार, इस कार्यालय में किसी भी प्रकार का काम चाहे खेत-जमीन की रजिस्ट्री हो या घर की, बिना पैसे दिए नहीं होता था। बताया जा रहा था कि अधिकारी और कर्मचारी दलालों के माध्यम से आम नागरिकों से मोटी रकम की मांग करते हैं।
निरीक्षण के दौरान जब एक अधिकारी के टेबल के ड्रावर पर ताला लगा देखा गया, तो मंत्री ने उसे तुरंत खोलने का निर्देश दिया। ड्रावर खुलते ही उसमें से नकदी रकम बरामद हुई। इस पर मंत्री बावनकुले ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि इस तरह की गतिविधियां प्रशासन की साख को धूमिल करती हैं।
#WATCH | Maharashtra Revenue Minister conducted a surprise raid on the Sub-Registrar’s Office in Nagpur in response to numerous complaints regarding officials demanding bribes from citizens. Despite the implementation of a fully digitized registration process, complaints… pic.twitter.com/v2s9WOkRNn — ANI (@ANI) October 6, 2025
मंत्री बावनकुले ने कहा कि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि कार्यालय में विभिन्न कार्यों के लिए नागरिकों से 5 से 8 हजार रुपये तक की अवैध वसूली की जाती है। यह भी पता चला कि कुछ दलाल इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल हैं और लोगों से संपर्क कर रिश्वत की रकम तय करते हैं। उन्होंने कहा कि जांच में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं और अब इसमें शामिल सभी लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए आरक्षण का हुआ ऐलान, 74 नगर पंचायतों में महिला बनेंगी मुखिया
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने नागरिकों को पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त सेवाएं देने के लिए कई प्रक्रियाएं ऑनलाइन की हैं, ताकि रिश्वतखोरी पर रोक लगाई जा सके। बावजूद इसके यदि कर्मचारी या दलाल वसूली कर रहे हैं, तो यह बेहद गंभीर बात है।
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों या दलालों के खिलाफ बेझिझक शिकायत करें। सरकार और प्रशासन उनकी पहचान गुप्त रखेगा और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। मंत्री ने साफ चेतावनी दी कि भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
इस औचक निरीक्षण ने एक बार फिर सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार की हकीकत उजागर कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मंत्री की कार्रवाई के बाद इस पूरे नेटवर्क पर किस तरह की प्रशासनिक गाज गिरती है।