ओबीसी अनशन जारी (सौजन्य-नवभारत)
Maratha Reservation: जिस दिन से मुंबई के आजाद मैदान पर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल ने आंदोलन शुरू किया था उसी दिन से नागपुर के संविधान चौक में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष बबनराव तायवाडे के नेतृत्व में ओबीसी समाज ने भी अनशन शुरू किया। ओबीसी कोटे से मराठाओं को आरक्षण नहीं देने की मांग को लेकर यह अनशन शुरू किया गया।
अब जब जरांगे की 8 में से 6 मांगें मंजूर कर ली गई हैं तो मुंबई का आंदोलन समाप्त कर दिया गया है लेकिन ओबीसी अपनी मांग पर अड़ गए हैं। तायवाडे ने कहा किसी भी सूरत में ओबीसी कोटे से मराठाओं को आरक्षण नहीं दिया जाए और सरकार को यह लिखित में देना होगा। इसके साथ ही उन्होंने समाज की अनेक मांगों को रखते हुए चेतावनी दी है कि जब तक सरकार ओबीसी की मांगें पूरी नहीं करती तब तक अनशन खत्म नहीं किया जाएगा।
चौथे दिन ओबीसी समाज की महिलाएं भी अनशन में बैठीं। इनमें भावना बावनकर, सुरेखा शेरेकर, सुषमा डुकरे, ममता डुकरे, प्रज्वला गावंडे का समावेश था। इनके साथ ही श्रीहरी सातपुते, देवेंद्र मुंगळे, मारोती अतकरे, गजानन शिंदे, हेमराज गोमासे, नंदकिशोर काकडे, हेमंत गावंडे अनशन में शामिल हुए।
आंदोलन को धनोजे कुणबी समाज विकास महासंघ, डॉ. अशोक जीवतोडे, राष्ट्रवादी ओबीसी सेल प्रदेशाध्यक्ष अजित पवार गट के कल्याण आखाडे, राहुल पावडे, रोषण पचारे ने समर्थन घोषित किया। सहसचिव शरद वानखेडे, परमेश्वर राऊत, अविनाश पाल, नितीन गोहणे, कविंद्र गोहनकर, अर्जुन दडे, राहुल करांगडे, नीलेश कोढे, राजू गोसावी, श्रीकांत मसमारे आंदोलन में शामिल हुए।
ओबीसी ने अपनी 14 सूत्रीय मांगें रखी हैं जिसमें पहला सरसकट मराठा समाज को कुणबी प्रमाणपत्र नहीं देने, ओबीसी विद्यार्थियों को व्यावसायिक अध्ययन के लिए 100 फीसदी स्कालरशिप लागू करने, विदेश में शिक्षा के लिए 75 बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति 200 विद्यार्थियों को देने का समावेश है।
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बार्टी की तर्ज पर महाज्योति के कार्य ओबीसी, विजा, भज व विशेष मागास प्रवर्ग संस्थाओं को रोजगार देने को प्राथमिकता देने, म्हाडा व सिडको के घरकुल में ओबीसी के लिए आरक्षण, ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी आर्थिक विकास महामंडल की ओर से दिए जाने वाली कर्ज योजना में सिर्फ खेती की शर्त शिथिल करने, मागास आर्थिक विकास महामंडल को जनार्दन पाटिल ओबीसी आर्थिक विकास महामंडल नाम देने की मांग रखी गई है। कुल 14 मांगें रखी गई हैं और इन्हें जब तक पूरा नहीं किया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी महासंघ ने दी है।