नागपुर विधान भवन (सौजन्य-IANS)
Nagpur News: नागपुर करार के अनुसार हर वर्ष दिसंबर महीने में उपराजधानी में शीतकालीन अधिवेशन होता है लेकिन आगामी 2 वर्ष तो यहां अधिवेशन नहीं हो पाएगा। मिली जानकारी के अनुसार विधानभवन परिसर में नई इमारतों के निर्माण व विस्तारीकरण के कार्य को मंजूरी मिल चुकी है।
अधिकारियों की मानें तो सारे कार्य पूर्ण करने में 2 वर्ष लगने हैं। संभवना है कि इस कारण आगामी 2 वर्षों तक शीत सत्र यहां नहीं हो पाएगा। नए निर्माण कार्य के लिए परिसर के पुराने बैरक व हैरिटेज इमारत को छोड़कर अन्य इमारतों को तोड़ा जाएगा। 7 माले की नई इमारत तैयार की जाएगी।
इस वर्ष दिसंबर में शीत सत्र के बाद कार्य शुरू किया जाएगा। इस वर्ष तो अधिवेशन होगा लेकिन उसके बाद के 2 वर्ष सारे सत्र मुंबई में ही होंगे। यहां दोनों सदनों की एक साथ बैठक व्यवस्था के लिए सेंट्रल हाल भी तैयार किया जाएगा। इसके चलते आगामी समय में बजट सत्र भी उपराजधानी में लिया जा सकेगा।
इसके पूर्व भी कुछ वर्ष विविध कारणों से नागपुर में अधिवेशन नहीं हुए थे। कोरोना काल में 2 वर्ष 2020 और 2021 में शीत सत्र नहीं हो पाया था। वर्ष 1985 में कांग्रेस की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण हुए थे। तब भी यहां सत्र नहीं लिया गया था।
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वर्ष 1979 में लोकसभा मध्यावधि चुनाव के कारण सत्र नहीं हुआ था। वर्ष 1963 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मारोतराम कन्नमार के निधन से नागपुर में अधिवेशन नहीं हो पाया था। भारत-चीन युद्ध के दौरान भी नागपुर में अधिवेशन नहीं हुआ था।