विजय वडेट्टीवार (फाइल फोटो)
Nagpur Politics: सरकार द्वारा निकाले गए 2 सितंबर के जीआर के कारण मराठा आखिर किस प्रवर्ग में जा रहे हैं। यह सरकार को बताना चाहिए लेकिन उसके पास जवाब नहीं है। जीआर निकलने के बाद धड़ल्ले से प्रमाणपत्र देना शुरू है। हैदराबाद गजट में खेती करने वाले कुनबे में मुस्लिम व जैन भी हैं। उनका पंजीयन उचित कैसे है, इसका उत्तर भी सरकार के पास नहीं है।
इसलिए मराठा आरक्षण का जीआर सरकार तत्काल रद्द करें। यह मांग कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने प्रेस परिषद में की। उन्होंने दावा किया कि एक महीने में 50 लाख मराठाओं का ओबीसीकरण किया गया है और राज्य के मंत्री प्रमाणपत्र बांटने निकले हैं।
उन्होंने इसके खिलाफ 10 अक्टूबर को सकल ओबीसी महामोर्चा में सभी ओबीसी बांधवों को पार्टी, जाति व नेता को भुलाकर सहभागी होने की अपील की। प्रेस परिषद में दुनेश्वर पेठे, उमेश कोर्राम, प्रवीण कुंटे पाटिल, हुकुमचंद आमधरे, सुरेश गुडधे, ज्ञानेश वाकुडकर उपस्थित थे।
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पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने छगन भुजबल को ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में ठोस भूमिका निभाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सीएम फडणवीस को वे आशा की किरण कहते हैं। फिर कहते हैं काला जीआर रद्द करो, संशोधन करो। ऐसा कहकर भुजबल संभ्रम निर्माण कर रहे हैं।
उन्हें कैबिनेट में अपनी ठोस भूमिका रखने की जरूरत है। मंडल विरुद्ध कमंडल आंदोलन में वे विरोध में खड़े थे। नेहरू के समय के कालेलकर समिति की रिपोर्ट तक वे जा रहे हैं। उन्हें सरकार से जवाब मांगना चाहिए।