आश्वासनों की खुराक पर कब तक शिक्षक? मांगें वर्षों से प्रलंबित (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Teachers Protest: राज्य में सबसे अधिक असंतोष यदि किसी शासकीय वर्ग में दिखाई देता है तो वह शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में है। वर्षों से लंबित मांगों पर शासन द्वारा ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। हर बार केवल आश्वासन देकर शिक्षकों को शांत कर दिया जाता है। सरकार की नीति अनुदानित और मराठी माध्यम स्कूलों व कनिष्ठ महाविद्यालयों के हित में नहीं होने से शिक्षकों में व्यापक असंतोष फैल गया है।
शिक्षकों के अनुसार ऑनलाइन मान्यता प्रक्रिया, अवास्तविक मापदंड, पुरानी पेंशन योजना पर सरकार की उदासीनता, चरणबद्ध अनुदान लागू करने में देरी, अव्यवहार्य TET लक्ष्य, और अत्यधिक ऑनलाइन कार्य ये प्रमुख समस्याएँ लगातार बढ़ रही हैं। विजुक्ता के महासचिव डॉ. अशोक गव्हाणकर और महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अविनाश बोर्डे ने कहा कि कुछ मांगों के लिए तो पिछले दो दशकों से संघर्ष जारी है, लेकिन समाधान आज तक नहीं मिला।
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विजुक्ता के बैनर तले 11 दिसंबर को सुबह 11 बजे से यशवंत स्टेडियम, मेहाडिया चौक, धंतोली में राज्यस्तरीय आक्रोश धरना आंदोलन आयोजित किया जाएगा। इसमें राज्यभर के कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षक सम्मिलित होंगे।