आयकर विभाग छापेमारी (सौजन्य-IANS)
Nagpur News: नागपुर आयकर विभाग का इंटेलिजेंस और क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन विंग अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए है। इस बार अमरावती जिले को टारगेट बनाया गया है। जानकारी के अनुसार अमरावती के 3 कार्यालयों में बुधवार को छापेमारी की गई है और बड़ी संख्या में ‘अंडर वैल्यू’ रजिस्ट्री का पता लगाया है। समाचार लिखे जाने तक 500 करोड़ से अधिक के कागजात मिले थे।
यह आंकड़ा और अधिक होने की संभावना जताई जा रही है। टैक्स चोरी करने के उद्देश्य से बिल्डर, डेवलपर्स बड़े पैमाने पर अंडर वैल्यू रजिस्ट्री करा रहे हैं और विभाग भी इसमें सहायता कर रहा है। यही कारण है कि जहां कहीं भी कार्रवाई हो रही है वहां पर विभाग को सफलता मिल रही है। हजारों करोड़ रुपये के सौदे का पता चला है। विभाग ने विदर्भ के 21 से अधिक कार्यालयों में छापेमारी की है जिनमें 8,500 करोड़ से अधिक के सौदे का अब तक खुलासा हो चुका है।
इससे ही अंदाज लगाया जा सकता है कि विदर्भ की रजिस्ट्री कार्यालयों में क्या चल रहा है। हिंगना में अब तक सबसे अधिक 1,300 करोड़ के सौदे का पता चला है। इसके बाद अन्य कई कार्यालयों में 1,000, 700, 500, 100 करोड़ रुपये का अंडर वैल्यू सौदे का पता चला है। नागपुर ग्रामीण भी इसमें पीछे नहीं है। छोटे से छोटे जिले में भी यह खेल धड़ल्ले से जारी है।
पिछले दिनों विभाग की इंटेलिजेंस और क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन विंग ने अकोला और वर्धा के उप निबंधक कार्यालयों में छापेमारी मारकर 1,000 करोड़ की संपत्ति छिपाने का मामला उजागर किया है। विभाग को अकोला में 2 जगह से 300 करोड़ और वर्धा में 3 जगह से 700 करोड़ के व्यवहार की जानकारी छिपाने की जानकारी मिली थी।
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विभाग को पूरा शक है कि उपनिबंधक कार्यालय यह अपने आप नहीं कर रहा है। जिस प्रकार से उनके सिस्टम में छेड़छाड़ दिख रही है उससे स्पष्ट है कि इसके बड़े खिलाड़ी अब तक दायरे से बाहर हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि इन बड़े खिलाड़ियों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और राज्य सरकार की ओर से अब तक इस मामले में कोई भी बात स्पष्ट नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं राज्य सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं की है, जिसके कारण शक का दायरा और भी बढ़ता जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार अमरावती के 3 कार्यालयों का कम्प्यूटर 7 बजे शाम में अनलॉक किया गया है। कम्प्यूटर अनलॉक होने के बाद ऐेसे कई सौदों की जानकारी धड़ाधड़ सामने आने लगी जिनमें कर चोरी होने, अंडर वैल्यू दिखाने का खेल किया गया है।