फाइल फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
नागपुर: समृद्धि महामार्ग पर यातायात शुरू होने के बाद से लगातार हो रही दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान चली गई। अधूरी व्यवस्था के चलते इस तरह की परेशानी है। अत: सुविधाओं के सटीक कार्यान्वयन तक एक्सप्रेसवे बंद करने के आदेश देने का अनुरोध करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अनिल वाडपल्लीवार ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की ओर से हलफनामा दायर किया गया।
हलफनामे में बताया गया कि महामार्ग पर 24 स्थान पेट्रोल पंप के लिए निश्चित किए गए। जिनमें 16 पंप कार्यान्वित भी हो चुके हैं जहां पर महिला और पुरुषों के प्रधानगृहों की स्वच्छता के लिए 24×7 कर्मचारियों की नियुक्ति होने की जानकारी दी गई। हलफनामा में दी गई जानकारी और वास्तविकता में काफी अंतर होने के मुद्दे याचिकाकर्ता की ओर से उठाए जाने पर कोर्ट ने फटकार लगाई।
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याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान एमएसआरडीसी और आरटीओ की ओर से भी हलफनामा दायर किया गया। जिसमें महामार्ग से चलने वाले वाहन चालकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का हवाला दिया गया। एमएसआरडीसी की ओर से बताया गया कि 701 किमी का महामार्ग नागपुर, अमरावती, छत्रपतिनगर और नासिक जैसे 4 परिमंडलों से होकर गुजरता है। इस मार्ग पर स्वच्छता गृह, बिजली और पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था करने की सूचनाएं दी गई हैं।
याचिका में बताया गया कि 6 लेन एक्सप्रेसवे राज्य के कुल 10 जिलों तथा 390 गांवों से होकर गुजर रहा है। पहाड़ी क्षेत्र में 120 किलोमीटर प्रति घंटा तथा सामान्य क्षेत्र में 150 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड के अनुसार महामार्ग का निर्माण किया गया है।
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