मानकापुर एक्सीडेंट पर हाई कोर्ट (सौजन्य-सोशल मीडिया)
High Court: नागपुर में कोराडी रोड स्थित मानकापुर फ्लाईओवर पर गत सप्ताह स्कूल बस और वैन की भिड़ंत में छात्रा की हुई मौत पर मंगलवार को हाई कोर्ट ने भी चिंता जताई। स्कूल बस-वैन को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वयं हाई कोर्ट ने कहा कि स्कूल बस- वैन में जिस तरह से बच्चों को भरकर ले जाया जाता है, वह काफी चिंता का विषय है।
इस संदर्भ में छात्रा के परिजनों द्वारा 3 बार शिकायत तक की गई थी। सुनवाई के दौरान अदालत मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने स्कूल बस-वैन के फिटनेस का मुद्दा उठाया। साथ ही चालकों की पृष्ठभूमि के सत्यापन पर भी आपत्ति दर्ज की। कोर्ट को बताया कि स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा स्कूल की अधिकृत बस के अलावा वैन के फिटनेस पर ध्यान देना होता है।
यहां तक कि शिक्षा उपसंचालक और शिक्षाधिकारी का यह कर्तव्य है किंतु इन प्राधिकरणों द्वारा ऐसा कोई सत्यापन नहीं किया गया जिसके बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर और न्यायाधीश रजनीश व्यास ने उपसंचालक और शिक्षाधिकारी को इस संदर्भ में शपथपत्र दायर करने का आदेश दिया।
स्कूल बस के पिछले पहिए में आकर बच्चे की हुई दर्दनाक मृत्यु को लेकर छपी खबर पर हाई कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया था। जनहित के रूप में स्वीकृत की गई इस याचिका पर हाई कोर्ट की ओर से वर्ष 2012 के बाद से लगातार आदेश-निर्देश दिए गए। गत सुनवाई के दौरान अदालत मित्र अधिवक्ता मिर्जा का मानना था कि कोरोना की विकराल स्थिति के बाद नियमित स्कूल शुरू हुए हैं, अत: बच्चों को स्कूल ले जाने तथा लाने की प्रक्रिया के दौरान बच्चों की सुरक्षा को लेकर निर्धारित नियम-कानून का पालन होना अनिवार्य है।
नियमों के अनुसार बसें पूरी तरह से सुरक्षित हैं या नहीं, इस संदर्भ में कुल 2,776 बसों की जांच होनी थी। यदि जांच पूरी हो चुकी हो तो इसका खुलासा परिवहन विभाग के प्रधान सचिव द्वारा किया जाना जरूरी है। अदालत मित्र ने कहा कि महाराष्ट्र मोटर व्हीकल रूल्स 2011 के नियम 6 के अनुसार मनपा ने अब तक चिह्नांकित स्थानों पर बसों की पार्किंग के लिए बोर्ड नहीं लगाए हैं। यहां तक कि स्कूल बसों के हाल्टिंग प्लेस को भी चिह्नांकित नहीं किया गया है।
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अदालत मित्र ने कहा कि स्कूल के इन बच्चों की परिवहन व्यवस्था को मॉनिटर करने तथा नजर रखने के लिए जिला बस सुरक्षा समिति का गठन हुआ था। समिति को प्रत्येक माह में कम से कम एक बार बैठक लेना था। इसी तरह से स्कूल ट्रांसपोर्ट कमेटी को भी हर माह बैठक लेकर सुरक्षा-व्यवस्था को सुनिश्चित करना था किंतु यह हो रहा है या नहीं? इसे लेकर किसी तरह की जानकारी उजागर नहीं हो रही है जिससे संबंधितों को उचित आदेश जारी करने का अनुरोध अदालत से किया गया।