आज से पांचपावली फ्लाईओवर पर चलेगा हथौड़ा। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: शहर के सबसे पहले उड़ानपुल पांचपावली फ्लाईओवर को मंगलवार 15 अप्रैल से तोड़ने का काम शुरू होगा। ठेका कंपनी एनसीसी ने इसके लिए जरूरी तैयारी पूरी कर ली है और फ्लाईओवर तोड़ने के लिए जरूरी मशीन व सामग्री भी पहुंच गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा शहर के सबसे लंबे इंदोरा-दिघोरी फ्लाईओवर का काम शुरू किया गया है। 700 करोड़ की लागत से बनने वाले 11 मीटर (36 फीट) चौड़े इस फ्लाईओवर की लंबाई 9 किमी है। इसका काम तेजी से चल रहा है।
निर्माणाधीन फ्लाईओवर को पूरा करने के लिए पांचपावली फ्लाईओवर को तोड़ा जाएगा। पहले यह तय हुआ था कि 12 अप्रैल को फ्लाईओवर को तोड़ने का काम शुरू किया जाएगा। लेकिन हनुमान जन्मोत्सव और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर जयंती के कारण इसे टाल दिया गया और अब 15 अप्रैल से तोड़ा जाएगा। एनसीसी कंपनी के सूत्रों ने बताया कि सभी तैयारी पूरी हो गई है। मंगलवार से उड़ानपुल टूटेगा और यह काम एक महीने तक चलेगा।
इस फ्लाईओवर के नाम दो-दो कीर्तिमान हैं। आजादी के बाद शहर में बना यह सबसे पहला फ्लाईओवर होने के साथ ही उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाला भी पहला फ्लाईओवर है। उत्तर नागपुर से निकलने वाला व्यक्ति मध्य नागपुर होकर सीधे दक्षिण नागपुर पहुंचता है। यह फ्लाईओवर 1994 में बना था और 31 साल की सेवा के बाद अब इसके टूटने का वक्त आ गया है। बता दें कि पांचपावली पुल का निर्माण हुए बहुत लंबा समय नहीं बीता है, परंतु इस पुल पर यातायात का दबाव ज्यादा होने के कारण पुल के ढांचे पर ज्यादा बोझ पड़ता है।
24 घंटे वाहनों की आवाजाही के कारण हर बार इसका सूक्ष्म गति से क्षरण होता है। वहीं पिछले साल हुई अत्यधिक वर्षा से इस पुल को बहुत नुकसान पहुंचा। इसके अनुपात में इसे दुरुस्त करने व मेंटेन करने की आवृत्ति कम है। इसके फलस्वरूप पुल की हालत बहुत जर्जर दिखाई पड़ रही है। पुल के बीचोंबीच जहां पर नाईक तालाब और टिमकी की ओर से आकर शाखाएं जुड़ती हैं, वहां एक बड़े चौक जैसी आकृति बनती है। यहां का हिस्सा भी काफी नीचे हो गया है। बीच का हिस्सा दबने से यहां पर काफी पानी भरने लगा है।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
उड़ान पुल के कमाल चौक से लेकर गोलीबार चौक तक पुल के दोनों तरफ की सुरक्षा दीवारें जर्जर हो चुकी हैं और दरारों ने इन दीवारों को कई तुकड़ों में बांट दिया है। दरारों के बीच पीपल व अन्य वनस्पति के पौधों ने अपनी जड़ें जमा ली हैं। कमाल चौक के पास कुछ साल पहले एक दुर्घटना में रैलिंग का हिस्सा टूटकर गिर गया था, जिसे बाद में दुरुस्त किया गया। बाकी रैलिंग के ऊपर लगे हुए लोहे के पोल भी टूट रहे हैं। पूरे पुल पर धूल ही धूल है।
यहां से गुजरने वाले नागरिकों का कहना था कि जिस तरह कई दूसरे पुलों की दुरुस्ती होती रहती है, वैसी पांचपावली उड़ानपुल की दुरुस्ती कई सालों से हमने देखी नहीं है। पहले ही इस पुल को बनाते समय इंजीनियरिंग की ऐसी गलती की गई है जिसके कारण इसकी गुणवत्ता खराब हो चुकी है। इस पुल के बीच के जोड़ों से कई नागरिकों की रीढ़ व कमर की हड्डियां खराब हो चुकी हैं। नागरिकों की तरफ से की गई लगातार मांग के बाद अब इसे तोड़ा जा रहा है।