सड़क को घेर खड़े हैं नेताओं के स्वागत द्वार (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: नागपुर में बड़ी ही धूमधाम से गणपति बाप्पा का आगमन हुआ। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार सार्वजनिक गणेश मंडलों की संख्या भी ज्यादा थी। किसी भी तरह व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए प्रशासन ने पूरी जान झोंक दी थी लेकिन इस वर्ष गणेशोत्सव के लिए शहर के लगभग हर इलाके में बड़ी संख्या में स्वागत द्वार लगाए गए। बड़े नेताओं के साथ छुटभैये नेता भी पीछे नहीं रहे।
जगह-जगह बड़े-बड़े बैनरों के साथ गेट बनाए गए लेकिन इस दौरान किसी ने भी यातायात व्यवस्था के बारे में नहीं सोचा। फुटपाथ तो दूर सड़कों पर लोहे की बड़ी-बड़ी कीलें ठोककर सीमेंट रोड पर ही स्वागत द्वार खड़े कर दिए गए। सड़क का बड़ा हिस्सा स्वागत द्वार ने घेर लिया। ऐसे में यातायात की परेशानी होना स्वाभाविक है लेकिन समय था गणेशोत्सव का। कोई भी विघ्नहर्ता के उत्सव में विघ्न डालने के बारे में नहीं सोच सकता था।
इसीलिए परेशानी होने के बावजूद किसी ने शिकायत नहीं की। अब गणेशोत्वस को खत्म हुए 4 दिन बीत चुके हैं। इसके बावजूद मुख्य सड़कों पर स्वागत द्वार खड़े हैं। अब तो प्रशासन को इस समस्या से सख्ती से निपटना चाहिए। स्वागत गेट बनाते समय ही स्थानीय ट्रैफिक जोन को यह ध्यान रखना चाहिए था कि किसी भी तरह से यातायात प्रभावित न हो।
नेताओं के स्वागत द्वार (सौजन्य-नवभारत)
खैर किसी ने इस अनियमितता को रोकने की कोशिश तक नहीं की लेकिन अब तो प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। केवल नेता ही नहीं मंडलों को चंदा देने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठान भी इसमें पीछे नहीं हैं। जगह-जगह कहीं बिल्डरों के बैनर लगे हैं तो कहीं ज्वेलर्स के। हर किसी ने गणेशोत्सव के पीछे अपनी मार्केटिंग करने की पूरी कोशिश की।
गणेशोत्सव के दौरान तो प्रशासन ने विवादों से बचने के लिए किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन अब तो कार्रवाई करनी चाहिए। सड़कों पर बैनर और गेट लगाकर अतिक्रमण किया गया। महानगर पालिका ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसकी वजह से यातायात प्रभावित हो रहा है लेकिन यातायात पुलिस ध्यान नहीं दे रही।
कम से कम स्थानीय पुलिस थानों को तो इस मनमानी के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए था लेकिन सब समस्या से अवगत होने के बावजूद चुप बैठे हैं। देवनगर चौक पर तो स्वागत गेट की आड़ में दुकानदारों ने भी कब्जा जमा लिया है। विवेकानंदनगर में रोशनाई के लिए रास्ते पर ही पोल खड़े कर दिए गए।
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पूरे मानेवाड़ा रोड पर बिल्डर और छुटभैये नेताओं ने कब्जा जमा रखा है। स्नेहनगर की छोटी-छोटी सड़कों को भी नहीं बख्शा गया। कई टर्निंग पर पोल और गेट खड़े हैं। रात के अंधेरे में ये वाहन चालकों को दिखाई नहीं देते। खामला रोड, महल, बड़कस चौक, सक्करदरा और शहर के लगभग हर इलाके में यही नजारा है। ज्यादातर गेट सत्ताधारियों ने लगवाए हैं। उन पर प्रशासन कार्रवाई कर नहीं सकता। अब सत्ताधारियों को छोड़कर विरोधियों पर कार्रवाई होगी तो निश्चित ही बवाल मच जाएगा। यही कारण है कि प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।