
निकाय चुनाव (सौजन्य-सोशल मीडिया)
EVM Controversy: राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय निकायों के चुनाव के तहत पहले चरण में नगर परिषद व नगर पंचायत के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इन दिनों वोट चोरी का मुद्दा देशभर में गूंज रहा है। मतदाता सूची में सुधार के बाद ही चुनाव कराने की मांग विपक्ष द्वारा की जा रही है लेकिन चुनाव आयोग ने मांग को ठुकरा दिया है। इससे पहले विपक्ष ने ईवीएम हैकिंग का भी आरोप लगाया था।
इस बीच चुनाव में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम मशीनों में वीवीपैट नहीं होने की जानकारी सामने आ रही है। ईवीएम मशीनों को लेकर काफी संशय होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट का विकल्प उपलब्ध कराने का आदेश दिया था लेकिन चुनावों में वीवीपैट नहीं होने के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन ठीक से नहीं होने की चर्चा है। ईवीएम मशीनों से चुनाव कराए जाने को लेकर कई लोगों ने संदेह जताया है।
विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि ईवीएम हैकिंग के कारण मतदान में गड़बड़ी हो रही है, इसलिए बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग की जा रही है। ईवीएम पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट प्रणाली लागू करने का आदेश दिया था। इसके बाद वीवीपैट मशीन को ईवीएम से जोड़ा गया। इससे मतदाता को पता चलता है कि वह किसे वोट दे रहा है।
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इसके बाद भी कई लोग इस मशीन की प्रणाली पर भरोसा नहीं करते। यही वजह है कि बैलेट पेपर से मतदान की मांग उठ रही है। बताया जा रहा है कि स्थानीय निकाय चुनावों में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम मशीनों में वीवीपैट प्रणाली नहीं होगी। इससे यह पता नहीं चल पाएगा कि दिया गया वोट वास्तव में संबंधित उम्मीदवार को गया है या नहीं।
नगर परिषद में वार्ड प्रणाली में एक प्रभाग में 2 वार्ड होते हैं। कुछ जगहों पर प्रभाग में 3 सदस्य भी होंगे। इसके अलावा अध्यक्ष पद का चुनाव सीधे जनता से होगा। 2 वार्ड वाले प्रभाग में मतदाताओं को 3 बार मतदान करना होगा, जबकि 3 सदस्यों वाले प्रभाग के मतदाताओं को बैलेट यूनिट का बटन 4 बार दबाना होगा।






