
लाहौर की सड़कों पर उतरेगी PTI, सांकेतिक फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Imran Khan News In Hindi: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने देश में लोकतंत्र, संविधान और कानून के शासन की बहाली के लिए एक बड़े आंदोलन का ऐलान किया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीटीआई ने शुक्रवार को घोषणा की कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी के नेतृत्व में लाहौर के लिबर्टी राउंडअबाउट पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
पार्टी इससे पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर देशव्यापी आंदोलन के संकेत दे चुकी थी। यह फैसला तोशाखाना-2 केस में कोर्ट के फैसले के बाद लिया गया है जिसमें पीटीआई के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सजा सुनाई गई है। पंजाब की मुख्य आयोजक आलिया हमजा मलिक ने कहा कि यह आंदोलन इमरान खान के स्पष्ट निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया संस्था डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई ने लाहौर में अपने टिकट होल्डर्स, पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों को लिबर्टी राउंडअबाउट पर मौजूद रहने का आदेश दिया है ताकि मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी का जोरदार स्वागत किया जा सके और आंदोलन को सफल बनाया जा सके।
आलिया हमजा मलिक ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे देश में संविधान, कानून और लोकतंत्र की बहाली के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर लाहौर की मुख्य सड़कों को मार्च में बदलना एक ऐतिहासिक क्षण साबित होगा।
गौरतलब है कि इमरान खान अगस्त 2023 से 190 मिलियन पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद हैं। फिलहाल वह रावलपिंडी की अदियाला जेल में 14 साल की सजा काट रहे हैं। इसके अलावा 9 मई 2023 को हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़े मामलों में आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत भी उनके खिलाफ ट्रायल चल रहा है। इस केस में उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी सात साल की सजा सुनाई गई है।
जेल में होने के कारण इमरान खान के पास अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स का सीधा एक्सेस नहीं है। हालांकि, उनके आधिकारिक अकाउंट से पहले एक पोस्ट साझा की गई थी जिसमें इमरान खान और उनके वकील के बीच हुई बातचीत का जिक्र किया गया। पोस्ट में कहा गया था कि उन्होंने सीएम सोहेल अफरीदी को सड़कों पर आंदोलन की तैयारी करने का संदेश भेजा है और पूरे देश से अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की अपील की है।
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इमरान खान ने कोर्ट के फैसले को हैरान करने वाला नहीं बताया और कहा कि उनकी लीगल टीम बिना सुने ही फैसला सुना दिया गया। उन्होंने इस फैसले को असंवैधानिक, गैर-कानूनी और राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार देते हुए हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। पीटीआई का कहना है कि न्याय के बिना पाकिस्तान में आर्थिक विकास और स्थिरता संभव नहीं है।






