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छात्रों के सवालों में उलझे शिक्षा मंत्री भूसे, AISF ने मांग ली बंद हो रही स्कूलों की सूची

Education Minister Dada Bhuse: AISF के शिष्टमंडल ने जिला परिषद सभागृह में राज्य के शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर राज्य और जिले के विद्यार्थियों की शैक्षणिक समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Aug 06, 2025 | 10:02 PM

छात्रों के सवालों में उलझे शिक्षा मंत्री भूसे (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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Bhandara News:ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) के शिष्टमंडल ने जिला परिषद सभागृह में राज्य के शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर राज्य और जिले के विद्यार्थियों की शैक्षणिक समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जब प्रतिनिधियों ने पूछा कि राज्य सरकार 18,000 स्कूलें क्यों बंद कर रही है, तो शिक्षा मंत्री दादा भुसे उत्तर नहीं दे सके और उल्टे बंद हो रही स्कूलों की सूची शिष्टमंडल से ही मांग ली। एआईएसएफ ने संविधान के अनुच्छेद 21(अ) का हवाला देते हुए कहा कि 6 से 14 वर्ष के प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देना सरकार का कर्तव्य है।

लेकिन राज्य सरकार की नीतियों के चलते गरीब और ग्रामीण बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है। प्रतिनिधियों ने बताया कि अनुदान रोकना, शिक्षक पद खाली रखना, निजीकरण को बढ़ावा देना और स्कूलें बंद करना जैसे फैसले शिक्षा व्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं। शिष्टमंडल ने आरोप लगाया कि शिक्षा का बाजारीकरण कर विदेशी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि सरकारी और जिला परिषद स्कूलों की अनदेखी की जा रही है।

सरकारी स्कूलों को बंद न करें

निजी स्कूलों की बेतहाशा बढ़ोतरी ने शिक्षा को एक महंगी वस्तु बना दिया है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग प्रभावित हो रहा है। AISF ने शिक्षा मंत्री से मांग की कि सरकारी स्कूलों को बंद करने का निर्णय तत्काल वापस लिया जाए। इसके साथ ही जिले की शैक्षणिक समस्याओं जैसे छात्र परिवहन, प्रयोगशाला सामग्री, खेलकूद, शिक्षकों की नियुक्ति और मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की आवश्यकता बताई। इस प्रतिनिधिमंडल में एआईएसएफ के राज्याध्यक्ष काम्रैड वैभव चोपकर, जिला सहमन्त्री दीपक कुमार पुंडे, आशिष वंजारी, तेजस्विनी महाकाळकर, जयश्री, सुलभा मानापुरे सहित अनेक छात्र उपस्थित थे।

स्कूली शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे का आश्वासन

शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले एक वर्ष में जिला परिषद तथा नगर परिषद की शालाओं के स्वरूप एवं गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन होगा। जिला परिषद सभागृह में आयोजित शैक्षिक गुणवत्ता समीक्षा बैठक के दौरान वे बोल रहे थे। इस अवसर पर भंडारा जिला परिषद की अध्यक्षा कविता उईके, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिलिंदकुमार सालवे, शिक्षा उपसंचालक माधुरी सावरकर, जिला परिषद के उपाध्यक्ष एकनाथ फेंडर, शिक्षा सभापति नरेश ईश्वरकर, जिला परिषद सदस्य यशवंत सोनकुसरे, शिक्षाधिकारी (प्राथ.) रवींद्र सोनटक्के सहित अन्य अधिकारी व पदाधिकारी उपस्थित थे।

📍भंडारा | ६ ऑगस्ट २०२५ आज भंडारा येथील जिल्हा शैक्षणिक गुणवत्ता कक्षाच्या सभेला उपस्थिती राहून शिक्षण विभागातील वरिष्ठ अधिकारी तसेच जिल्ह्यातील विविध शाळांमधील गुणवंत आणि उपक्रमशील शिक्षकांसोबत थेट संवाद साधला.#bandara #educationdepartment #teachers #students #DadajiBhuse pic.twitter.com/IMs3sw28wl — Dadaji Bhuse (@dadajibhuse) August 6, 2025

बच्चों को दें प्रतिस्पर्धात्मक शिक्षा

शिक्षा मंत्री भुसे ने कहा कि विद्यार्थी हमारे लिए पूज्य हैं। उनके कल्याण के लिए भौतिक, बौद्धिक और भावनात्मक सभी स्तरों पर काम करना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जिला परिषद की शालाओं में गरीब एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को प्रतिस्पर्धात्मक शिक्षा मिलनी ही चाहिए। उन्होंने हाल ही में संपन्न सिंगापुर शैक्षिक दौरे का उल्लेख करते हुए वहाँ की ‘नेशन हब’ अवधारणा पर आधारित शिक्षा प्रणाली का उदाहरण दिया।

स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाएंगे

उन्होंने कहा कि “सिंगापुर के शिक्षक शिक्षा को एक फैशन की तरह अपनाते हैं, वही दृष्टिकोण और जोश हमें महाराष्ट्र में लाना है।” शिक्षकों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान किया जाएगा, इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को अगस्त महीने से पहले सभी समस्याओं का निपटारा करने के निर्देश दिए। भविष्य में शिक्षकों को जिला परिषद के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, इसके लिए एक सुदृढ़ कार्यपद्धति तैयार की जाएगी।

ये भी पढ़े: ‘माधुरी’ कोल्हापुर में ही रहेगी, CM फडणवीस से मिली वंतारा की टीम, कर दिया ये बड़ा ऐलान

‘पवित्र पोर्टल’ से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू

जिले की कुछ शालाओं को अब तक मान्यता नहीं मिली है, इस पर उन्होंने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अपने अधिकारों का उपयोग कर तुरंत निर्णय लेने के निर्देश दिए.‘पवित्र पोर्टल’ के माध्यम से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू है. शिक्षा विभाग, स्कूल प्रबंधन समिति, पालक और ग्रामीणों के सक्रिय सहभाग से शिक्षा को जन आंदोलन का रूप देने की आवश्यकता है. भंडारा जिले की शालाओं में बढ़ती छात्र संख्या देखकर उन्हें संतोष हुआ और उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि भंडारा जिला अन्य जिलों के लिए आदर्श बने. “आइडियल दस शिक्षक” की संकल्पना की भी उन्होंने सराहना की और उसे राज्य भर में लागू करने की इच्छा व्यक्त की।

मराठी शिक्षा को बढ़ावा- राज्यगीत अनिवार्य

राज्य के सभी शालाओं में राष्ट्रगीत के बाद राज्यगीत गाना अनिवार्य है और निजी शालाओं में मराठी शिक्षा अनिवार्य होगी, ऐसा स्पष्ट करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान इसकी जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विशेष निधि उपलब्ध कराई जाएगी, ऐसा आश्वासन भी उन्होंने दिया।

AI का उपयोग बढ़ेगा

शालाओं में विषय आधारित अतिरिक्त शैक्षिक भार कम करने के लिए नई कार्यपद्धति तैयार की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शालाओं में आधुनिक तकनीक और AI का उपयोग बढ़ेगा, लेकिन विद्यार्थियों का संपर्क मिट्टी से टूटना नहीं चाहिए, इसकी जागरूकता के साथ सतर्कता बरतने की अपील उन्होंने शिक्षकों से की।बैठक के पश्चात शालेय शिक्षण मंत्री दादाजी भुसे ने गणेशपुर स्थित जिला परिषद प्राथमिक शाला का दौरा कर बच्चों से संवाद भी किया।

Education minister bhuse got entangled in questions of students aisf demanded list of schools being closed

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Published On: Aug 06, 2025 | 10:02 PM

Topics:  

  • AI
  • Bhandara News
  • Dada Bhuse
  • Maharashtra Government
  • School Close

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