वाहनों की गति को ब्रेक लगा रहे ‘साइकिल चालक। (सौजन्य: सोशल मीडिया)
नागपुर: सिटी की यातायात व्यवस्था सुचारु बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा हर मुमकिन प्रयास जारी है। जिला प्रशासन ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए विविध निर्माण कर रहा है। इसमें फ्लाईओवर, आरओबी, आरयूबी, सड़कों के चौड़ाईकरण समेत अन्य कई गतिविधियां शामिल हैं। सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या के निपटारे के लिए फ्लाईओवर अच्छा विकल्प है।
सिटी की सड़कों पर फ्लाईओवर के उपयोग से लोड कम हो जाता है। वाहन चालक बिना रुकावट मार्ग पार कर जाते हैं, लेकिन साइकिल और ई-रिक्शा चालक रुकावट बनते जा रहे हैं। साइकिल और ई-रिक्शा मानो फ्लाईओवर पर स्पीड ब्रेकर का काम कर रहे हैं। इस कारण दोपहिया और कार चालकों को फ्लाईओवर पर भी जूझना पड़ता है। इससे वाहन चालकों की गति धीमी हो जाती है। बावजूद इसके इन लापरवाह चालकों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती।
निर्माण फ्लाईओवर पर साइकिल और ई-रिक्शा चालकों के अलावा कई बार पैदल चलने वालों को भी देखा जा सकता है। इस कारण स्थिति अधिक बिगड़ जाती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है उड़ानपुल। उड़ानपुल सिटी के बीचों-बीच मौजूद हैं। बड़ीं के भारी ट्रैफिक को पार करने के लिए रोजाना सैकड़ों वाहन चालक इसका उपयोग करते हैं। ताज्जुब की बात यह है कि पैदल चलने वाले भी इस फ्लाईओवर का उपयोग कर रहे हैं। उड़ानपुल के नीचे से मार्ग न पार करते हुए पैदल चलने वाले, साइकिल चालक और ई-रिक्शा चालक फ्लाईओवर का उपयोग कर रहे हैं।
सिटी के लगभग सभी क्षेत्रों में फ्लाईओवर मौजूद हैं। इनमें सदर, बर्डी, कलमना, पारडी, मनीष नगर समेत कई फ्लाईओवर शामिल हैं। व्यस्त मार्गों पर फ्लाईओवर वाहन चालकों के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन साइकिल और ई-रिक्शा चालक फ्लाईओवर पर कछुआ गति से चलते हैं। ऐसे में रफ्तार से जाने वाले चौपहिया चालकों को जगह नहीं मिलने के कारण ब्रेक लगाना पड़ता है। सामने चल रहे चौपहिया वाहनों द्वारा फ्लाईओवर पर अचानक ब्रेक लगाने से हादसे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
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