चंद्रशेखर बावनकुले (फाइल फोटो)
Nagpur News: चुनाव के दौरान मतदाता सूचियां प्रकाशित की जाती हैं। उस समय सभी पार्टियों को आपत्ति दर्ज कराने का समय दिया जाता है। विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र के एक लाख बूथों पर सूचियां लगाई गई थीं। उस समय किसी भी कांग्रेस नेता ने आपत्ति नहीं जताई थी। चुनाव के दौरान भी कोई आपत्ति नहीं ली गई।
हालांकि चुनाव के 7 महीने बाद राहुल गांधी ने आपत्ति जताई। जिन सूचियों के आधार पर विधानसभा चुनाव हुए थे उन्हीं का इस्तेमाल आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में किया जाएगा। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कांग्रेस को आह्वान दिया कि यदि कांग्रेस नेताओं को कोई आपत्ति है तो उन्हें अभी चुनाव आयोग के समक्ष उठाना चाहिए। चुनाव हारने के बाद मतदाता सूची की गलती का दोष न दें।
कांग्रेस पार्टी को उन जगहों पर आपत्ति है जहां भाजपा के उम्मीदवार चुने जाते हैं। जब महाराष्ट्र में कांग्रेस के 31 सांसद चुने गए थे तब उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। क्या उस समय मतदाता सूचियां सही थीं? हमने कामठी विधानसभा क्षेत्र में 17,000 बूथ बनाकर नये मतदाताओं का पंजीकरण किया था। तब 34,000 मतदाता बढ़े।
वोट बढ़ने का मतलब यह नहीं है कि मतदाता सूची गलत है। यदि राहुल गांधी को संदेह है तो उन्हें आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में मतदाता सूचियों की जांच करनी चाहिए जिसके लिए उन्हें महाराष्ट्र में अपने कार्यकर्ताओं को काम पर लगाना चाहिए।
बावनकुले कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और मैं राज्य का दौरा कर रहे हैं। साथ ही स्थानीय निकाय चुनाव गठबंधन के भीतर ही लड़ने के निर्देश दिए हैं। हालांकि जहां यह संभव नहीं है वहां स्थानीय नेताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुकाबला सौहार्द्रपूर्ण बनाकर गठबंधन को नुकसान न पहुंचे।
यह भी पढ़ें – पवार में पद तो शिंदे गुट में इंतजार! NCP में एंट्री को लेकर उत्साह, शिंदे से शिवसेना निराश
उन्होंने आगे कहा कि मेरे नाम का इस्तेमाल करके छत्रपति संभाजीनगर के एक नागरिक के साथ धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हमने तहसीलदार को भी तत्काल निलंबित कर दिया है।
बारिश के संबंध में बोलते हुए बावनकुले ने बताया कि राज्य में जिन स्थानों पर औसत से अधिक वर्षा हुई है वहां पंचनामा करने और एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं। नंदुरबार सहित कई आदिवासी जिलों में धर्मांतरण के उद्देश्य से बनाए गए अनधिकृत चर्चों को हटाने के निर्देश संबंधित जिलाधिकारियों को दिए गए हैं।