
नागपुर. आजादी के अमृत महोत्सव और युवाओं को सेना में शामिल होने की प्रेरणा देने के लिए शनिवार को वायुसेनानगर अनुरक्षण कमान मुख्यालय परिसर में आयोजित एयर फेस्ट में वायु लड़ाकों ने आसमानी कलाबाजी के साथ अपनी ताकत दिखाई. सूर्य किरण एयरोबैटिक और सारंग टीम के हैरतअंगेज करतबों ने लोगों में रोमांच भर दिया.
वर्ष 2019 के बाद एयरफेस्ट का आयोजन होने से बच्चे और विशेष तौर पर युवाओं में अलग ही जोश देखने को मिला. सीट की मर्यादा होने के कारण बड़ी संख्या में लोग परिसर में दाखिल नहीं हो पाए. उन लोगों ने फुटाला और दाभा रोड से ही एयर शो का लुफ्त उठाया. अनुरक्षण कमान मुख्यालय के मुखिया एयर मार्शल विभास पांडे की मुख्य उपस्थिति में आला अधिकारी ने अपने जवानों का हौसला बढ़ाया.

एनसीसी के एयर स्क्वाड्रन के एयरोमॉडलिंग से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. एनसीसी कैडेट्स ने प्रतिभा का प्रदर्शन किया. हवाई पट्टी से उड़ान भरते हुए बच्चों का उत्साहवर्धन किया. कैडेटों ने एयरोमॉडलिंग में अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए की, जिसमें रिमोट-नियंत्रित और नियंत्रण-रेखा दोनों मॉडल उड़ाए गए. रिमोट नियंत्रित विमान ने लूप, रोल और आठ के आंकड़े से युक्त एक एरोबेटिक प्रदर्शन किया, जबकि नियंत्रण रेखा मॉडल ने उलटी उड़ान, लूप आकृति प्रदर्शित की.

कैडेट्स अपने मॉडल के साथ जैट में उड़ने का सपना संजोए हुए हैं. कैडेट्स ने बताया कि यूनिट की तरफ से किट उपलब्ध कराई जाती है. सभी वायु सेना में बतौर पायलट काम करने के लिए इच्छुक है और इसके लिए वर्षभर मेहनत करते हैं. टीम में शामिल अधिकांश कैडेट्स वायु सैनिक कैंप में हिस्सा ले चुके है. कुछ एसएसबी की परीक्षा दे चुके है और कुछ देने की तैयारी कर रहे है. सूर्य किरण और सारंग टीम की तरह सभी आसमान में उड़ना चाहते हैं और अपने देश की सुरक्षा में जी-जान लगाने को तैयार है.
आसमान में टकटकी लगाकर बैठे दर्शकों के बीच से वायु सेना के ट्रांसपोर्ट विमान एवरो ने गरजते हुए फ्लाईपास्ट किया. एक मध्यम आकार का टर्बोप्रॉप परिवहन विमान दर्शकों के सामने जमीनी स्तर से महज 500 फीट ऊंचाई से उड़ा. अपने सिर के ऊपर से इस विमान को जाते देखना अनेक लोगों के लिए पहला अवसर था.

भारतीय वायु सेना के विश्व प्रसिद्ध एयर वॉरियर ड्रिल टीम (AWDT) के 18 वायु योद्धाओं द्वारा राइफल के साथ आकर्षक प्रदर्शन किया गया. वजनदार 303 राइफल को योद्धा अपनी उंगलियों पर इस तरह नचा रहे थे मानों उनके हाथ में कोई खिलौना हो. एक ताल पर चलते-चलते अपनी राइफल पिछले व्यक्ति को बड़ी ही आसानी से सौंपने में इन्हें महारत हासिल है. राइफल के घुमाव के बीच से तलवार लेकर निकले टीम लीडर ने बता दिया है कि उनके बीच समन्वय कितना मजबूत है.
वायु सेना की आकाश गंगा टीम के साहसी सदस्यों ने 8,000 फुट की ऊंचाई से नीचे छलांग लगाई. शनिवार को खुले मौसम ने भी इनका अच्छा साथ दिया. एक के बाद एक पैराट्रूपर पैराशूट के साथ निश्चित जगह पर उतरे. इसके बाद टीम के 3 सदस्यों तिरंगा पैराशूट पर एक साथ जमीन पर लैंड किया. विषम परिस्थितियों में भी यह टीम आसमान से छलांग लगाने में माहिर है.

चिलचिलाती धूप में हर कोई आसमान को निहार रहा था कि कब सारंग हैलीकॉप्टर टीम दिखाई देगी. ऐसे में भारतीय वायु सेना के 4 एडवान्स लाइट लाइट हेलीकॉप्टर ने गड़गड़ाहट के साथ उड़ान प्रदर्शन किया. सारंग टीम ने वाइन ग्लास फॉर्मेशन में मंच तक पहुंचने जैसे कुछ लुभावने युद्धाभ्यास किए. फिर बहुत कुरकुरा और सुरुचिपूर्ण भारत और हीरे की संरचनाओं को प्रदर्शित किया. इसके बाद गुरुत्वाकर्षण-विरोधी डॉल्फिन की छलांग थी जो तीन-विमानों के सिंक्रनाइज़ स्टॉल टर्न है. इसके बाद विमान निर्माण ने शानदार हाई-स्पीड क्रॉस को अंजाम दिया. इस बीच दो विमानों ने आसमान में एक सफेद दिल को रंग दिया. एक दूसरे से सिर्फ दो प्रोपेलर की दूरी पर उड़ान भरने वाले हेलिकॉप्टरों ने पायलटों के बेहतर कौशल और विशेषज्ञता को दिखाया.
पैरा मोटर पर पिछले 10 वर्षों से साहस का परिचय दे रहे सार्जंट विशाल ने यहां भी अपने साहस और कुशलता का परिचय दिया. विशाल ने आसमान में उड़ान तो भरी लेकिन जब करतब दिखाने का समय आया तो अचानक मोटर में खराबी आ गई. पैरा मोटर का एक हिस्सा निकलकर जमीन पर गिर गया. कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी भी कुछ समय के लिए सकते में आ गए लेकिन विशाल अपनी कुशलता और सूझबूझ के साथ जमीन पर लैंड कर गए.
वायु सेना के सभी एयर शो में लोगों को सबसे ज्यादा इंतजार सूर्य किरण एयरोबैटिक टीम का ही होता है. यह टीम एमके हॉक विमान में अपने हैरतअंगेज कारनामों के लिए विश्वभर में जानी जाती है. इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते वायु योद्धाओं के यह दल गड़गड़ाहट के साथ ग्रुप कैप्टन ढिल्लन अपनी टीम के साथ आसमान में दाखिल हुए. फ्लाइट लेफ्टनेंट रिध्दिमा गुरुंग ने पेशेवर रेडियो जॉकी की तरह सूर्य किरण टीम के फार्मेशन की जानकारी दी.
विमानों ने डायमंड, तेजस और प्रचंड फार्मेशन से दर्शकों की दिल की धड़कने तेज कर दी. साहसी मैनुवर को अंजाम देने वाली इस टीम में स्क्वाड्रन लीडर ऐलेन जॉर्ज भी थे. ऐलेन ने शहर के ही वीएनआईटी से अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. महज 100 फुट की उंचाई पर वायु लड़ाकों ने 1,500 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में एक-दूसरे को क्रास करते देख लोग भौंचक्के रह गए. पूरी कुशलता के साथ इस टीम ने ऑरेंज सिटी के नागरिकों का मनोरंजन किया.

कार्यक्रम में शामिल लोगों में देश भक्ति का जज्बा पैदा करने के लिए वायु सेना के बैंड ने एक से बढ़कर एक सैनिक धुनों और देशभक्ति गीतों की धुनों से समां बांधे रखा. साउंड बैरियर’, ‘ऐ वतन वतन’, ‘मेरा मुल्क मेरा देश’ आदि की मार्शल धुनें बजाईं. जनता को भारतीय वायु सेना से जोड़ने के लिए ताकि देशभक्ति का जज्बा पैदा हो सके.
भारतीय वायु सेना के एंबेसडर के रूप में लोकप्रिय टीम को दुनिया में एरोबैटिक टीम बनाने वाले 9 विमानों में से एक होने का गौरव प्राप्त है.
टीम का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन जीएस ढिल्लों ने किया. बीएई (ब्रिटिश एयरोस्पेस) द्वारा डिजाइन किए गए 9 हॉक एमके 132 विमान उड़ाते हैं, जो एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) द्वारा भारत में निर्मित हैं.
वर्ष 1996 से यह टीम अभी तक 600 से ज्यादा एयर शो में अपना साहसिक प्रदर्शन कर चुकी है.
टीम का आदर्श वाक्य ‘ऑलवेज द बेस्ट’ है और नागपुर एयर फेस्ट में क्रॉस ओवर ब्रेक, कांटेदार तार क्रॉस, रोलबैक, सिंक्रोनस रोल, इनवर्टेड विक जैसे विभिन्न युद्धाभ्यास किए गए.
टीम 4 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव उड़ाती है, जिन्हें पूरी तरह से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा देश में डिजाइन और निर्मित किया गया है.
सारंग टीम ने न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में नाम कमाया है.
टीम ने 2004 में सिंगापुर में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक प्रदर्शन किया और उसके बाद से कई अन्य अंतरराष्ट्रीय स्थानों में भाग लिया.
टीम का नेतृत्व विंग कमांडर गिरीश कुमार वीएम ने किया.
उनके सक्षम मार्गदर्शन में टीम ने देशभर में घरेलू स्थानों में प्रदर्शन करने के अलावा पिछले वर्ष श्रीलंका, मॉस्को और दुबई एयर शो में भाग लिया.






