
एसीबी का जनजागृति सप्ताह शुरू (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Bribe Cases Maharashtra: भ्रष्टाचार-मुक्त समाज की दिशा में लोगों में सजगता और पारदर्शिता का संदेश फैलाने के उद्देश्य से एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा दक्षता जनजागृति सप्ताह मनाया जा रहा है। इस सप्ताह के दौरान शासन और प्रशासन में नैतिकता, ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार के विरुद्ध नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना तथा भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों के प्रति जनजागरूकता फैलाना है।
चुनिंदा सरकारी कार्यालयों के अधिकारी और कर्मचारियों पर ही कार्रवाई होने के सवाल पर एसपी एसीबी दिगांबर प्रधान ने कहा कि एसीबी कानूनी प्रावधानों के अनुसार काम करती है। शिकायत मिलने के बाद उसका वेरिफिकेशन होता है। इसके बाद ही एसीबी किसी को जाल बिछाकर रिश्वत लेते पकड़ सकती है।
ऐसा नहीं है कि अन्य विभागों में भ्रष्टाचार नहीं होता लेकिन वहां यह काम सहमति और सहुलियत के साथ होता होगा, इसीलिए लोग शिकायत करने आगे नहीं आते लेकिन इस जनजागृति सप्ताह के दौरान ब्यूरो के अधिकारी हर एक सरकारी विभाग में जाकर लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेंगे।
उन्होंने बताया कि नागपुर शहर, नागपुर ग्रामीण, वर्धा, गोंदिया, गड़चिरोली, चंद्रपुर और भंडारा जिलों में कुल 20 जनजागृति टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, महाविद्यालयों, प्रमुख बाजारों, बस अड्डों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाकर नागरिकों से भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में शामिल होने का आह्वान कर रही हैं।
प्रधान ने बताया कि नागपुर परिक्षेत्र द्वारा भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई की जा रही है। विभाग द्वारा निम्न प्रकार की कार्रवाइयां की जाती हैं। यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी कार्य के लिए सरकारी शुल्क के अलावा पैसे या लाच की मांग करता है तो उसके विरुद्ध ट्रैप कार्रवाई की जाती है। यदि किसी अधिकारी के पास उसकी आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत मिलती है, तो उसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाती है।
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आय से अधिक मामलों की संख्या कम होने पर उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर पहले डीजी एसीबी कार्यालय से अनुमति ली जाती है। इसके बाद गोपनीय जांच की जाती है और फिर ओपन इंक्वायरी होती है। ऐसे प्रकरणों की शिकायतों की संख्या भी काफी कम होती है। इस वर्ष नागपुर एसीबी ने 48 सफल ट्रैप लगाए है जिसमें 68 सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को पकड़ा जा चुका है।
प्रधान ने कहा कि भ्रष्टाचार को तभी रोका जा सकता है जब नागरिक खुलकर एसीबी से रिश्वतखोरों की शिकायत करें। इस लड़ाई में जनसहयोग जरूरी है। शिकायत मिलने पर एसीबी नागपुर तुरंत कार्रवाई करता है और शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है।
ट्रैप कार्रवाई में शिकायतकर्ता द्वारा दी गई राशि एक माह के भीतर सरकारी निधि से वापस की जाती है, साथ ही शिकायतकर्ता के लंबित सरकारी कार्य को विधिसम्मत तरीके से पूर्ण कराने की भी जिम्मेदारी एसीबी की होती है। नागरिकों से अपील की गई है कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी की जानकारी हो तो वे तुरंत एंटी करप्शन ब्यूरो नागपुर से संपर्क करें।






