9 लाख किसानों को किसान पहचान पत्र प्रदान। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: डेटा और डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों तक प्रभावी ढंग से और जल्दी से पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कार्यान्वित एग्रीस्टैक पहल के तहत नागपुर संभाग में 9 लाख 25 हजार 402 किसानों को किसान आईडी (किसान विशिष्ट पहचान संख्या) प्रदान की गई है।
एग्रीस्टैक योजना का क्रियान्वयन किसानों और उनकी भूमि की पहचान करने, किसान द्वारा बोई गई फसल का नाम और क्षेत्र निर्धारित करने तथा उस जानकारी का उपयोग किसान ऋण के वितरण और कृषि योजनाओं के कुशल कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसके माध्यम से कृषि क्षेत्र में डिजिटल सेवाओं का उपयोग करने वाले किसानों को तेजी से सेवाएं प्रदान करने के लिए विशिष्ट आईडी का उपयोग किया जाएगा।
जिन किसानों के नाम पर कृषि भूमि है, उन्हें किसान पहचान पत्र दिए जा रहे हैं। इसके माध्यम से किसान पारदर्शी तरीके से कृषि सेवाओं, सुविधाओं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। राज्य ने 16 दिसंबर, 2024 से इस पहल के तहत किसानों को किसान आईडी जारी करना शुरू कर दिया है। इसके अनुसार, अब तक राज्य में 72 लाख 12 हजार 87 किसानों को किसान पहचान पत्र तथा नागपुर संभाग में 9 लाख 25 हजार 402 किसानों को यूआईडी प्रदान की गई है।
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संभाग में सबसे अधिक चंद्रपुर जिले में 1 लाख 86 हजार 441 किसानों को किसान पहचान पत्र प्रदान किए गए हैं। गोंदिया जिले में 1 लाख 83 हजार 451, भंडारा जिले में 1 लाख 56 हजार 134, वर्धा जिले में 1 लाख 45 हजार 465, नागपुर जिले में 1 लाख 39 हजार 840 तथा गडचिरोली जिले में 1 लाख 14 हजार 71 किसानों को किसान पहचान पत्र प्रदान किए गए हैं। केंद्र सरकार के नए नियमों के अनुसार, एग्रीस्टैक पहल के तहत प्रत्येक किसान को अपनी कृषि भूमि को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य है।
प्रत्येक महा ई-सेवा केंद्र पर पंजीकरण चल रहा है और प्रशासन ने गांव स्तर पर एग्रीस्टैक पहल को लागू करके सभी किसानों के लिए किसान आईडी बनाने के लिए इस पहल को प्राथमिकता दी है। कृषि भूमि का भू-संदर्भन किसान आईडी के माध्यम से किया जाएगा। इसके तहत किसानों को अपने खातों से आधार नंबर जोड़ना होगा। इससे किसानों के लिए एक डिजिटल पहचान बनेगी और सारी जानकारी एक साथ आ जाएगी। इससे कृषि योजनाओं के लिए आवेदन भरने में मदद मिलेगी।