पेट्रोल पंप (सौजन्य-नवभारत)
Hingana News: हिंगना क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर वर्षों से कार्यरत कर्मचारी आज भी उपेक्षा का जीवन जीने को मजबूर हैं। जहां पेट्रोल पंपों की रोजाना बिक्री लाखों में होती है, वहीं दूसरी ओर वहां काम करने वाले कर्मचारियों को 8,000 से 10,000 के बीच वेतन देकर शोषित किया जा रहा है। कई कर्मचारी तो पिछले 20 से 25 वर्षों से इसी क्षेत्र में कार्यरत हैं, लेकिन न वेतन में सुधार हुआ, न जीवन की गुणवत्ता में।
इस महंगाई के दौर में इतना कम वेतन पाकर कर्मचारी अपने बच्चों की पढ़ाई, मकान का किराया, स्वास्थ्य सेवाओं और दैनिक खर्चों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। पहले की तरह अब मशीनों से ‘सेटिंग’ की गुंजाइश भी नहीं रही। अब डिजिटल मशीनें लगी हैं, जिससे पारदर्शिता तो बढ़ी है, लेकिन कर्मचारियों की अतिरिक्त आमदनी खत्म हो गई है।
हिंगना क्षेत्र के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर कर्मचारियों को बुनियादी श्रम कानूनों के तहत दी जाने वाली सुविधाएं जैसे कि भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा, स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। कुछ गिने-चुने पंपों पर ही ये सुविधाएं दी जाती हैं, शेष स्थानों पर कर्मचारियों से अधिक समय तक काम लेकर न्यूनतम वेतन थमा दिया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन कर्मचारियों को कोई सवेतन छुट्टी नहीं मिलती।
बीमारी, पारिवारिक समस्या या अन्य कारणों से छुट्टी लेने पर उनका वेतन काट लिया जाता है। कुछ पंपों पर 8 घंटे, तो कुछ पर 12 घंटे की ड्यूटी ली जाती है वो भी बिना किसी अतिरिक्त भत्ते या ओवरटाइम के। कई पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों और कर्मचारियों के लिए स्वच्छ पेयजल, शौचालय और मुफ्त हवा जैसी बुनियादी सुविधाएं या तो नहीं हैं, या हैं भी तो केवल नाम मात्र की। हवा भरने वाला कर्मचारी नहीं है, शौचालय में पानी नहीं है ऐसे बहाने आम हो चुके हैं।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इन कर्मचारियों का कोई संगठन नहीं है जो उनकी समस्याओं को उठाए। न ही कोई यूनियन, न ही कोई प्रतिनिधि उनके लिए आवाज उठाता है। हर कोई मजबूरी में चुपचाप काम कर रहा है लेकिन यह चुप्पी कब तक चलेगी?
यह भी पढ़ें – महाराष्ट्र के किसानों के लिए खुशखबरी! पीएम मोदी की 3 नई योजनाएं बदल देंगी इन 9 जिलों की किस्मत!
रिपब्लिकन पार्टी (अठावले गुट) के कर्मचारी प्रकोष्ठ के नागपुर जिला अध्यक्ष संतोष तिवारी ने बताया कि पेट्रोल पंप कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए एक पंजीकृत संगठन की स्थापना की जा रही है। हम कर्मचारियों से सीधे मिलकर उन्हें संगठन की भूमिका समझाएंगे, सदस्य बनाएंगे और उनकी समस्याओं को सरकारी स्तर पर उठाकर न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे।
– संतोष तिवारी, जिला अध्यक्ष, कर्मचारी प्रकोष्ठ।
संतोष तिवारी ने सभी पेट्रोल पंप कर्मचारियों से संगठन का हिस्सा बनने का आवाहन किया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही संगठन की कार्यकारिणी का गठन कर उसका सरकारी पंजीकरण कराया जाएगा। इससे कर्मचारियों को न सिर्फ एक मंच मिलेगा, बल्कि उनका शोषण रोकने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे।