भंडारा के भाजपा नेता (सोर्स: सोशल मीडिया)
BJP Leaders Resign In Bhandara: भंडारा जिले में नगर परिषद चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के भीतर असंतोष के स्वर तेज हो गए हैं। जिले के कई पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व पर भ्रष्ट नेताओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस कदम से चुनावी तैयारियों के बीच भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी के इन असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष आशु गोंडाणे को संबोधित पत्र में अपने पद और सदस्यता से त्यागपत्र सौंपा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि वे वर्षों से भाजपा के एकनिष्ठ कार्यकर्ता के रूप में निःस्वार्थ भाव से कार्य करते आए हैं।
संगठन को जमीनी स्तर तक मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन हाल ही में कुछ विवादास्पद चेहरों को पार्टी में शामिल किए जाने से कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी है।
कार्यकर्ताओं ने विशेष रूप से जैकी रावलानी और भगवान बावनकर के पार्टी में प्रवेश पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इन नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और ऐसे व्यक्तियों को पैसे और प्रभाव के बल पर टिकट देने की प्रक्रिया भाजपा की विचारधारा के विपरीत है।
पत्र में कहा गया है कि हम ऐसे भ्रष्ट नेतृत्व के अधीन काम नहीं कर सकते। इससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही है और आम कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है।
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कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि पार्टी में समर्पित और जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर बाहरी नेताओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे संगठनात्मक ढांचे में असंतोष फैल रहा है। इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ताओं ने अपने पत्र की प्रतिलिपि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण को भी भेजी है।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस सामूहिक इस्तीफे से भंडारा जिले में भाजपा की चुनावी रणनीति पर असर पड़ सकता है। नगर परिषद चुनाव से पूर्व पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, भाजपा नेतृत्व ने इस घटनाक्रम पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।