नागपुर न्यूज
Nagpur Crime: नागपुर के रामदासपेठ का मेडिट्रिना अस्पताल एक बार फिर विवादों में आ गया है। पहले सरकारी योजना के नाम पर की गई धोखाधड़ी को लेकर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. समीर नारायणराव पालतेवार विवादों में घिरे थे। अब दोबारा अस्पताल में 16.83 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अस्पताल के ही पार्टनर गणेश चक्करवार की शिकायत पर डॉ. पालतेवार और उनकी पत्नी डॉ. सोनाली पालतेवार सहित 17 लोगों और फर्म के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
अन्य आरोपियों में अस्पताल के एकाउंटेंट अर्पण किशोर पांडे, किशोर विनायकराव पांडे, अभिषेक किशोर पांडे, एबस्ट्रॅक्ट आईटी ग्रुप के भागीदार आकाश मधुकरराव केदार, रीता मुकेश बड़वाइक, वैशाली रामदास बडवाइक, तृप्ती प्रकाश घोडे, एमएस सेवा हेल्थकेयर के संचालक सर्वेश ढोमणे, प्रियंका सर्वेश ढोमणे, 16 अलाइड हेल्थ केयर सर्विसेस की संचालक कल्याणी बडवाइक और नईम दिवानी का समावेश है।
चक्करवार टैक्स प्रैक्टिशनर हैं। वर्ष 2006 में उन्होंने डॉ. पालतेवार सहित अन्य पार्टनरों के साथ मिलकर वीआरजी हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी ने वर्ष 2012 में रामदासपेठ के लैंड्रा पार्क में मेडिट्रिना अस्पताल का निर्माण किया। वर्ष 2006 से 2017 तक चक्करवार अस्पताल के व्यवस्थापकीय संचालक थे लेकिन अस्पताल का पूरा काम और व्यवहार डॉ. पालतेवार ही देखते थे।
वर्ष 2016 में अन्य भागीदारों ने अपने शेयर पालतेवार और चक्करवार को बेचकर कंपनी छोड़ दी। तब दोनों बराबर के पार्टनर थे। अस्पताल की बगल में स्थित जमीन पर नई इमारत बनाकर विस्तार करने के लिए पालतेवार ने 17 प्रश शेयर मांगे। इसके बाद से पालतेवार मनमानी कर रहे थे।
चक्करवार ने शिकायत में बताया कि डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर जारी हुए बिल पर संदेह होने के कारण उन्होंने एकाउंट की जांच की। तब पता चला कि पालतेवार दंपति ने वर्ष 2020 से 2024 तक अपनी ओबवियेट हेल्थ केयर कंपनी में 11.41 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिए हैं जिसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई। इसके बाद डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर उपरोक्त अन्य आरोपियों के खाते में 5.42 करोड़ रुपये का पेमेंट हुआ जिसकी अधिकृत कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई।
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चक्करवार की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने सीताबर्डी थाने में विविध धाराओं के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच आरंभ की है। उल्लेखनीय है कि पालतेवार के खिलाफ अब तक 5 मामले दर्ज हो चुके हैं। वर्ष 2019 में महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत 3 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है। 3 मामलों में पुलिस आरोप पत्र दायर कर चुकी है।