नागपुर की टूटी सड़के (pic credit; social media)
नागपुर: तुकड़ोजी पुतला चौक से बेसा चौक तक की 6 किमी की सड़क वर्तमान में यहां से आवाजाही करने वालों के लिए किसी आफत से कम नहीं है। सिटी में किसी भी समय मानसून की दस्तक होने की संभावना के बावजूद अब तक यहां की ड्रेनेज लाइनों की सफाई नहीं हो पाई है। यहां तक कि ड्रेनेज लाइन पर कई जगहों पर चेंबर खुले होने के कारण बारिश में लोगों को खासी परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।
हालांकि इस तरह की समस्याओं को बारिश के पूर्व ही खत्म करने के कड़े आदेश तो मनपा आयुक्त ने अधिकारियों को काफी पहले दिए हैं, लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। अलबत्ता अब स्थानीय जनता अधिकारियों को इस 6 किमी की सड़क पर चलकर दिखाने की चुनौती दे रहे हैं।
घुटनों तक जमा रहता है पानी
बेसा-बेलतरोड़ी क्षेत्र में लाखों नागरिकों ने घर बनाए हैं। यहां के नागरिकों को मानेवाड़ा रोड और तुकड़ोजी पुतला चौक के माध्यम से महल, मेडिकल, बर्डी और बस डिपो तक सुविधाजनक पहुंच है। इतना ही नहीं महल, इतवारी, मेडिकल आदि क्षेत्रों के व्यवसायी भी हर दिन बेसा जाते हैं। हर साल तुकड़ोजी पुतला से मानेवाड़ा चौक जाते समय सिद्धेश्वर हॉल के पास सीमेंट की सड़कों पर घुटनों तक पानी जमा हो जाता है। इससे न केवल नागरिकों को पानी में सड़क पार करनी पड़ती है बल्कि सड़कों पर का यह पानी बजरंगनगर और सावित्रीबाई फुलेनगर के घरों में घुस जाता है। आश्चर्यजनक यह है कि सीमेंट सड़क के किनारे बनी नालियों की सफाई इस साल भी नहीं की गई है। नालियों में कचरा जमा होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर जमा होगा और नागरिकों के घरों में घुसेगा। सिद्धेश्वर हॉल के सामने नाली पर बने चेंबर पर कोई ढक्कन नहीं है।
ड्रेनेज सफाई व्यवस्था गायब
तुकड़ोजी पुतला से मानेवाड़ा चौक तक की ड्रेनेज लाइन की सफाई इस साल नहीं हुई है। ड्रेनेज लाइन कई जगहों पर जाम हो गई है। इसकी सफाई की जिम्मेदारी मनपा के लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग की है। इस विभाग के पास बड़ी मात्रा में मशीनरी है। लेकिन लगता है कि इस विभाग की अधीक्षक अभियंता में इसका उपयोग करने की इच्छाशक्ति नहीं है, इसलिए इस साल मानसून के दौरान नागरिकों को डेढ़ से दो फीट पानी से होकर गुजरना पड़ेगा।
मानेवाड़ा-बेसा परिवहन जटिल
मानेवाड़ा-बेसा रोड 2.4 किलोमीटर लंबी सड़क है. इसकी एक तरफ निर्माण कार्य हो गया है, जबकि दूसरी तरफ निर्माण कार्य चल रहा है। पिछले 2 साल से इस सड़क पर काम चल रहा है। बनकर तैयार हो चुकी सड़क की तरफ हैप्पी फूड से थोड़ा आगे इसके बीच में एक चैंबर है और सीमेंट सड़क के साथ समतल नहीं है जिससे वाहन चालकों को लगातार खतरा बना हुआ है। दूसरी तरफ काम के लिए एक बड़ा गड्ढा खोदा गया है और मिट्टी का ढेर खड़ा कर दिया गया है। यदि बारिश हुई तो सारी मिट्टी सड़क पर आ जाएगी और नागरिकों को कीचड़ से होकर गुजरना पड़ेगा।
2 साल से व्यापार बर्बाद
एक दुकानदार ने बताया कि मानेवाड़ा-बेसा सड़क का काम दो साल से चल रहा है, जिससे न केवल नागरिक बल्कि क्षेत्र का व्यवसाय भी बर्बाद हो गया है। कुछ लोगों ने अफसोस जताया कि लोक निर्माण विभाग दो साल में 2.5 किलोमीटर सड़क नहीं बना सका। सारी धूल दुकानों में घुस रही है और ग्राहकों के आने का रास्ता नहीं है। जिन इलाकों में सड़क बन चुकी है, वहां आई-ब्लॉक नहीं लगाए गए हैं। इस वजह से ग्राहक अपनी गाड़ियां पार्क नहीं कर पा रहे हैं। नतीजतन पिछले 2 सालों में ग्राहक भी कम हो गए हैं और व्यवसाय भी चौपट हो गया है।
ढाई किमी सड़क और आधा घंटा
मानेवाड़ा-बेसा मार्ग पर 2.5 किमी तक प्रतिदिन सुबह-शाम कार्यालय आते-जाते समय यातायात बाधित हो रहा है। मानेवाड़ा चौक पर सिग्नल शुरू होने के बाद निर्माण स्थल पर गड्ढे होने और अधूरे निर्माण के कारण वाहन आगे नहीं बढ़ रहे हैं जिससे अक्सर मानेवाड़ा चौक पर यातायात प्रभावित हो रहा है। सुबह 8.30 से 11 बजे तक और शाम 6 से 9 बजे तक मानेवाड़ा चौक से बेसा या बेसा से मानेवाड़ा चौक पहुंचने में आधे घंटे से अधिक का समय लगता है। अक्सर नागरिक ओंकारनगर से बेसा मार्ग अपना रहे हैं। इस ट्रैफिक जाम के कारण बस्तियों में नागरिकों का निकलना मुश्किल हो गया है।
बालाजीनगर निवासी जगदीश पटमासे ने बताया कि घर से दुकान पर जाने के बाद दुकान के सामने ड्रेनेज लाइन पर ढक्कन नहीं है। इस कारण जल्दबाजी में दुकान में घुसते समय पैर टूटने का डर हमेशा बना रहता है। इतना ही नहीं, जहां ढक्कन नहीं है, वहां बड़ी मात्रा में कचरा डाल दिया गया है। इस कारण ड्रेनेज लाइन जाम हो गई है। बागड़े घी भंडार के सामने ढक्कन नहीं है। यहां कई लोग आते हैं।
बेसा निवासी स्नेहल आमटे ने बताया कि मानेवाड़ा चौक से बेसा चौक तक सड़क का एक तरफ निर्माण हो चुका है। लेकिन दूसरी तरफ काम चल रहा है, इसलिए कुछ जगहों पर ट्रैफिक को एक तरफ से डायवर्ट किया गया है। इस कारण यहां हर रोज जाम की स्थिति रहती है और शाम के समय इस सड़क से बेसा जाने की बजाय ओंकारनगर रोड से जाना पड़ता है।