प्रभादेवी ब्रिज (pic credit; social media)
Prabhadevi Bridge: मुंबई में रहने वालों के लिए बड़ी खबर है। प्रभादेवी का डेंजर फ्लाईओवर कब बनेगा, ये सवाल फिर अधर में लटक गया है। वजह है रेलवे का पैसा वसूली का फार्मूला “पहले पैसा दो, तभी काम की मंजूरी लो”।
दरअसल, प्रभादेवी और पोल को जोड़ने वाला पुराना पुल तोड़ा जा चुका है। उसकी जगह नया डेकर फ्लाईओवर बनने की तैयारी है। मगर पश्चिम रेलवे और राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच पैसों का पेंच ऐसा फंसा है कि काम पर ब्रेक लग गया है।
पश्चिम रेलवे ने महाराष्ट्र रेल इन्फ्रा से कुल 59.14 करोड़ रुपये मांगे हैं। इनमें 36.11 करोड़ वेल्ड चार्ज और 23.03 करोड़ विभागीय शुल्क शामिल है। पश्चिम रेलवे साफ कह रहा है कि जब तक पूरा पैसा नहीं मिलता, तब तक हरी झंडी नहीं मिलेगी। महाराष्ट्र सरकार ने फिलहाल सिर्फ 9 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन रेलवे ने वो रकम वापस लौटा दी। यानी अब साफ है, पूरा पैसा दो, तभी पुल बनेगा।
इस प्रोजेक्ट से सबसे ज्यादा राहत प्रभादेवी और दादर इलाके के प्रभावित परिवारों को मिलने वाली है। करीब 83 परिवारों को स्थायी घर दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। म्हाडा ने दादर, प्रभादेवी और बहुगा रेलाल शाड़ी इलाके में 119 फ्लैट आवंटित किए हैं। अगले 15 दिनों में इन परिवारों को चाबियां मिल जाएंगी।
लंबाई – 132 मीटर
लागत – 167.35 करोड़
कुल फ्लैट वितरण – 119
पश्चिम रेलवे का रुख
पश्चिम रेलवे के मुख्य अधिकारी विनीत अभिषेक का कहना है कि राज्य सरकार को बार-बार अवगत कराया गया है। जब तक भुगतान पूरा नहीं होता, मंजूरी देना संभव नहीं है।
रेलवे और राज्य सरकार की खींचतान का सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है। एक तरफ परिवार नए घर का इंतजार कर रहे हैं, तो दूसरी ओर लाखों लोग ट्रैफिक और जाम की समस्या झेल रहे हैं। अब देखना ये है कि पैसा पहले आता है या पुल की नींव रखी जाती है।