शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और ठाकरे परिवार (फोटो: पीटीआई)
मुंबई. महाराष्ट्र की सियासत पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने बड़ा बयान दिया है। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित मातोश्री में पहुंचे। पूर्व सीएम से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। वे उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के पद पर बैठे देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि किसका हिंदुत्व असली है? यह जानने के लिए जिसके साथ विश्वासघात हुआ है, वह असली हिंदू है। जिसने विश्वासघात किया है, वह असली हिंदू नहीं है। हमें उनके साथ हुए विश्वासघात पर दुख है। शंकराचार्य ने कहा कि हम हिंदू धर्म का पालन करते हैं। हम ‘पुण्य’ और ‘पाप’ में विश्वास करते हैं। ‘विश्वासघात’ को सबसे बड़े पापों में से एक कहा जाता है, वही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ है। उन्होंने मुझे बुलाया, मैं आया। उन्होंने स्वागत किया। हमने कहा कि हमें उनके साथ हुए विश्वासघात पर दुख है।
उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है. विश्वासघात करने वाला हिन्दू नहीं हो सकता है.
:- शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी pic.twitter.com/GXGqxDX0o8
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) July 15, 2024
उन्होंने कहा कि पूरे महाराष्ट्र की जनता इस बात से पीड़ित है। सभी के मन में इस बात का दर्द है। चुनाव में इस बात का पता भी चल चुका है। उन्होंने जब तक फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आप विराजमान नहीं हो जाते हैं, तब हम लोगों के मन का जो दर्द है, वो दूर नहीं हो सकता है। अब तो ये बात प्रमाणित हो चुकी है कि महाराष्ट्र की जनता इस बात को मानती है कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है।
सरस्वती ने कहा कि जनता का अनादर करना ठीक नहीं है। जनता जिसके लिए बहुमत देती है, उसे उसके समय तक के लिए बनाए रखना चाहिए। बीच में सरकार को तोड़ देना और जनमत का अनादर करना अच्छी बात नहीं है। हमें राजनीति से लेना-देना नहीं है, लेकिन विश्वासघात को पाप बताया गया है। इस बारे में कौन बोलेगा? क्या राजनेता बोलेगा? इस पर तो कोई धर्माचार्य ही बोल सकता है।
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण जून 2022 में राज्य में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। बाद में शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए थे।