
उद्धव ठाकरे (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai News In Hindi: पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित उनके परिवार के खिलाफ बेहिसाब संपत्ति जुटाने के आरोपों वाली याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की तरफ से दायर की गई इसी तरह की याचिका तीन वर्ष पहले ही खारिज की जा चुकी है। ऐसे में उसी मुद्दे पर दोबारा याचिका दायर करने का कोई औचित्य नहीं है।
न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति रणजीत भोसले की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और याचिकाकर्ताओं को कानूनी सलाह लेने के निर्देश दिए।
इससे पहले, उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के खिलाफ बेहिसाब संपत्ति जमा करने के आरोपों को लेकर दादर निवासी गौरी भिडे और उनके पिता अभय भिडे ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में ठाकरे परिवार की आय और संपति में असंतुलन का आरोप लगाते हुए सीबीआई और ईडी के माध्यम से जांच की मांग की गई थी।
ये भी पढ़ें :- Maharashtra Local Body Election: नामांकन शुरू, ठाकरे बंधुओं के गठबंधन पर सस्पेंस
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि ठाकरे परिवार के स्वामित्व वाले ‘सामना’ दैनिक और ‘मार्मिक’ साप्ताहिक ने कोरोना काल में करोड़ों रुपये कमाए। इसके बावजूद आय के आधिकारिक स्रोत स्पष्ट नहीं किए गए, फिर भी मुंबई जैसे महानगर में करोडों की संपत्ति होने का दावा किया गया था। हालांकि, तत्कालीन न्यायमूर्ति धीरज ठाकुर की खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि यह केवल तर्क-वितर्क पर आधारित है और इसके समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं है।






