Mumbai University: मुंबई यूनिवर्सिटी में पीएचडी प्रवेश के लिए पीईटी (PhD एंट्रेंस टेस्ट) पास करने वाले छात्रों का शैक्षणिक भविष्य संकट में है। परीक्षा पास करने के बाद भी छात्रों को अभी तक मार्गदर्शक (गाइड) उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। कई छात्रों का प्रवेश काल समाप्त होने की कगार पर है और यदि उन्हें समय पर गाइड नहीं मिले तो उन्हें दोबारा पीईटी परीक्षा देनी पड़ सकती है।
छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही के कारण उनका शैक्षणिक करियर दांव पर लगा है। पिछले कई महीनों से छात्र गाइड नियुक्त करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसका असर यह हुआ कि छात्रों की पढ़ाई ठप पड़ गई है और पीएचडी की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है।
विद्यार्थियों का कहना है कि गाइड मिलने में लगातार देरी उनके शोध कार्य और करियर पर गंभीर असर डाल रही है। कुछ छात्रों ने बताया कि उनका प्रवेश काल जल्द ही खत्म होने वाला है और अगर यूनिवर्सिटी समय पर गाइड नहीं देती तो उन्हें दोबारा परीक्षा देने के लिए तैयार रहना होगा।
इसे भी पढ़ें- हिंदी विवाद: मुंबई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर समेत 250 पर FIR, जलाई थी GR की कॉपी
इस बीच, विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि गाइड नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ प्रशासनिक अड़चनें आ रही हैं। हालांकि छात्रों का कहना है कि यह केवल बहाने हैं और प्रशासन को तुरंत कदम उठाना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि पीएचडी छात्रों के लिए गाइड का समय पर मिलना अत्यंत जरूरी है। यदि छात्र गाइड नहीं पाएंगे तो उनका शोध कार्य प्रभावित होगा और कई साल का समय भी बेकार जा सकता है।
छात्रों की मांग है कि यूनिवर्सिटी तुरंत गाइड नियुक्त करे और उन्हें समय पर शोध कार्य शुरू करने का अवसर मिले। अन्यथा, कई छात्रों को पीएचडी की पढ़ाई बीच में रोककर दोबारा प्रवेश प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। यह मामला न केवल छात्रों के लिए बल्कि शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी और समय पर प्रशासनिक कार्रवाई के महत्व को भी उजागर करता है।