उद्धव ठाकरे (pic credit; social media)
Maharashtra News: बेस्ट एम्प्लॉइज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड के चुनाव में शिवसेना (ठाकरे गुट) और मनसे गठबंधन को मिली करारी हार ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। पहली बार दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन एक भी उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका। इस अप्रत्याशित हार को ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर इसलिए क्योंकि बीएमसी चुनाव से पहले यह परिणाम संगठनात्मक ताकत और जनसमर्थन की बड़ी परीक्षा थी।
शिवसेना (ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस हार को बेहद गंभीरता से लिया है। हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए बेस्ट कामगार सेना के अध्यक्ष सुहास सामंत ने शुक्रवार को अपना इस्तीफा भी दे दिया। बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे अब पूरी बेस्ट कामगार सेना की कार्यसमिति को भंग करने की तैयारी में हैं और नए सिरे से पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा।
चुनाव में कुल 21 सीटों पर मुकाबला हुआ था। इनमें शशांक राव के पैनल ने 14 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि भाजपा नेता प्रसाद लाड के पैनल ने सात सीटें अपने नाम कीं। इस नतीजे से शिवसेना (ठाकरे गुट) और मनसे दोनों के लिए संगठनात्मक चुनौती और भी बढ़ गई है। यह चुनाव सामंत के नेतृत्व में उत्कर्ष पैनल के जरिए लड़ा गया था, लेकिन नतीजे उम्मीद के विपरीत रहे।
बीएमसी चुनाव से पहले मिली यह हार ठाकरे गुट के आत्मविश्वास को झटका देने वाली है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस परिणाम ने यह साफ कर दिया है कि संगठनात्मक मजबूती के बिना बड़े चुनावी मैदान में उतरना जोखिम भरा हो सकता है। अब उद्धव ठाकरे नए नेतृत्व और रणनीति के साथ कामगार सेना को पुनर्गठित करने की दिशा में कदम उठाने वाले हैं।