ठाकरे बंधु को झटका (सौजन्य-IANS)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले ठाकरे बंधुओं ने महायुति को चुनौती देने के लिए साथ आने का फैसला किया है। लेकिन अब इस बात पर सवालिया निशान लग गया है कि क्या यह फैसला कारगर साबित होगा या नहीं। क्योंकि ठाकरे बंधुओं का यह गठबंधन मुंबई में बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी के चुनाव में नाकाम हो गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के राज ठाकरे के साथ आने के बाद मुंबई में हुए पहले चुनाव में ही हार का सामना करना पड़ा है। इस हार से ठाकरे बंधुओं को बड़ा झटका लगा है। बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी के चुनाव में शिवसेना यूबीटी और मनसे गठबंधन ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक भी सीट नहीं जीत सकीं।
आज बेस्ट चुनाव के परिणामों की घोषणा की गई है। बेस्ट वर्कर्स यूनियन (शशांक राव पैनल) को 14 सीटें मिली हैं। भाजपा समर्थित पैनल को भी ज्यादा नहीं केवल 7 सीटों से संतोष करना पड़ा। तो वहीं शिवसेना यूबीटी और मनसे गठबंधन का खाता भी नहीं खुला।
इस परिणाम के बाद भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने ठाकरे बंधुओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दो शून्यों का योग हमेशा शून्य होता है, यह सीधा गणित है। शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने स्थानीय चुनावों का हवाला देते हुए किसी भी तरह की टिप्पणी देने से इनकार कर दिया है।
यह चुनाव ठाकरे बंधुओं के लिए बेहद खास था क्योंकि उद्धव ठाकरे गुट और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी पहली बार मिलकर चुनाव लड़ रही थी। दोनों को यकीन था कि साथ आने के बाद वे जरूर सत्ता में वापसी करेंगे। नतीजतन, उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा और एक भी सीट नहीं मिली। बेस्ट कर्मचारी संघ के नेता शशांक राव ने इस परिणाम को कर्मचारियों के विश्वास की जीत बताया। वहीं, भाजपा समर्थित पैनल ने भी 7 सीटें जीतकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
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बेस्ट सोसाइटी चुनाव के लिए, शिवसेना और मनसे ने ‘उत्कर्ष पैनल’ के तहत गठबंधन किया था और 21 सदस्यीय निदेशक मंडल के लिए कुल 21 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। इनमें से 18 शिवसेना (यूबीटी) से, दो मनसे से और एक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति संघ का प्रतिनिधित्व करता था, जो गठबंधन से जुड़ा था।