संजय राउत (फाइल फोटो)
Maharashtra Politics: पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के सांसद संजय राउत महाराष्ट्र में 50 हजार करोड़ के भूखंड घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाया है। राउत का दावा है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी के मंत्री संजय शिरसाट ने घोटाले की रकम में से 20 हजार करोड़ रुपए आपस बात लिए, जबकि 10 हजार करोड़ रुपए दिल्ली में अपने आका को दे दिए हैं।
इतना ही नहीं राउत ने इस संबंध में सीधे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर जांच की मांग की है। राउत के इस लेटर बम के बाद ये सवाल उठने लगा है कि दिल्ली में डीसीएम शिंदे का आका कौन है? राउत का दावा है कि महाराष्ट्र में 50 हजार करोड़ का भूखंड घोटाला हुआ।
ये घोटाला उपमुख्यमंत्री एवं नगर विकास एकनाथ शिंदे तथा सिडको के पूर्व अध्यक्ष संजय शिरसाट की मिली भगत से किया गया है। राउत ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार घोषणा करते हैं, “न खाऊंगा न ही खाने दूंगा” और भ्रष्ट लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें जेल में डाला जाएगा। लेकिन सच्चाई इससे एकदम विपरीत है। पीएम मोदी के नेतृत्व में जांच एजेंसी भ्रष्टचारियों को बचा रही है।
संजय राउत ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा क्योंकि शिंदे की पार्टी के प्रमुख आप ही हैं, इसलिए इस घोटाले की वजह आप को भी शक की नजर से देखा जा रहा है।
बतौर संजय राउत, रायगढ़ जिले में 4078 एकड़ वन भूमि अवैध रूप से बिवालकर परिवार को हस्तांतरित की गई थी। बिवालकर परिवार की पिछले 30 वर्षों से सरकार की प्लॉट आवंटन योजना के तहत अपात्र ठहराया जा रहा था। लेकिन सिडको का अध्यक्ष रहने के दौरान शिरसाट ने बिवालकर परिवार को पात्र घोषित कर दिया। राउत का दावा है कि सीएम एवं नगर विकास मंत्री रहने के दौरान शिंदे ने इस घोटाले को अंजाम देने के मकसद से संजय शिरसाट को लगभग 25 दिनों के लिए सिडको का अध्यक्ष बना था।
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उसी दौरान शिरसाट ने आनन फानन में जमीन बिवालकर परिवार को आवंटित की थी। राउत का आरोप है कि इस उपकार के बदले बिवालकर परिवार ने शिंदे और शिरसाट को 20 हजार करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। उन्होंने शाह से इस व्यवहार की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच करवाने तथा डीसीएम शिंदे व शिरसाट को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और भ्रष्टाचार में शामिल सिडको के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
दिलचस्प बात ये है कि एनसीपी-एसपी पार्टी के विधायक रोहित पवार ने भी यह मुद्दा बीते सोमवार को उठाया था। उन्होंने इस मामले को 5 हजार करोड़ रुपए का घोटाला करार दिया था।