शिवसेना सिंबल पर फैसला टला (फाइल फोटो)
Supreme Court hearing on election symbol: शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह विवाद पर 20 अगस्त को अंतिम फैसला सुनाना था। लेकिन मामला एक बार फिर से टल गया है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति और राज्यपाल के बीच के विवाद में राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट की सलाह मांगी है। इसका जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक संवैधानिक पीठ का गठन किया है।
यह संविधान पीठ 19 अगस्त से राष्ट्रपति द्वारा मांगी गई सलाह पर सुनवाई शुरू करेगी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी इस संविधान पीठ का हिस्सा होंगे। इसलिए, शिवसेना विवाद पर फैसला कुछ और दिनों के लिए टलने की संभावना है। शिवसेना के चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम पर अंतिम फैसला न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ के समक्ष लिया जाना है। जस्टिस सूर्यकांत नई संविधान पीठ के सदस्य हैं। संविधान पीठ 19 अगस्त से 10 सितंबर तक सुनवाई करेगी।
इसलिए शिवसेना की सुनवाई स्थगित कर दी गई है और शिवसेना मामले पर जल्द ही कोई फैसला आने की संभावना कम ही है। अब संभावना यही है कि शिवसेना के चुनाव चिन्ह और नाम विवाद का फैसला 15 सितंबर के बाद आए। अनुमान लगाया जा रहा है कि 15 सितंबर के बाद अंतिम तारीख तय हो सकती है या फिर अक्टूबर में ही मामला पीठ के सामने आएगा।
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कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) ने सुप्रीम कोर्ट से पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की थी। तब जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि इस मामले को दो साल हो गए हैं, इसलिए हम इस मामले पर स्थाई फैसला सुनाएंगे और जल्द से जल्द इस मामले को खत्म करेंगे। उसके बाद 20 अगस्त की तारीख भी तय कर दी थी। लेकिन संविधान पीठ की सुनवाई के कारण यूबीटी का इंतजार लंबा हो सकता है। ऐसे में अंतिम फैसला आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले आने की संभावना धूमिल हो सकती है।
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव जल्द ही होने है। ऐसे में उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी की पूरी कोशिश करेगी कि पार्टी सिंबल को लेकर फैसला उद्धव गुट के पक्ष में आए ताकि निकाय चुनाव में उन्हें नुकसान न हो।