
बीत जाएगी 'निकाय चुनाव' की रैना (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Supreme Court On Party Symbol Dispute : शिवसेना और एनसीपी के चुनाव चिन्ह विवाद की सुनवाई के लिए अब नई तारीख तय कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट अब दोनों दलों के बीच इस विवाद पर अगले वर्ष 21 जनवरी, 2026 को सुनवाई करेगा। यानी स्थानीय निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद इस पर फैसला आने की संभावना है। जिससे फिर एक बार विपक्ष वाली शिवसेना और रांकापा के उम्मीदों पर पानी फिर गया है। क्योंकी निकाय चुनाव दोनों के पास वापसी का एकमात्र विकल्प था।
शिवसेना और एनसीपी में फूट के बाद पार्टी और चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया था कि शिवसेना पार्टी एकनाथ शिंदे की पार्टी है और एनसीपी अजित पवार की पार्टी है। इसके बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
शिवसेना और राकांपा से संबंधित सुनवाई 12 नवंबर को हुई थी। इसके बाद अगली तारीख 21 जनवरी तय की गई है। उस दिन शिवसेना मामले में पहली बहस होगी। शिवसेना मामले के बाद राकांपा मामले की भी सुनवाई होगी। इसके लिए दोनों पक्षों को दो घंटे का समय दिया जाएगा। यह सुनवाई 21 जनवरी, 2026 को सुबह 11:30 बजे होगी।
ऐसे संकेत हैं कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अगली तारीख तक संपन्न हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव 26 जनवरी, 2026 तक करा लिए जाएं। उससे पहले 2 दिसंबर को नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव होंगे। उसके बाद जिला परिषद, पंचायत समिति और फिर नगर निगमों के चुनाव होने की संभावना है।
शिवसेना पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह ‘धनुष-बाण’ किस गुट का है, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय चुनाव आयोग के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें कहा गया था कि 2022 में संयुक्त शिवसेना से अलग होने वाली एकनाथ शिंदे की पार्टी ही असली शिवसेना है और उसे ‘धनुष-बाण’ चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति है।
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इस मामले की सुनवाई ने पूरे महाराष्ट्र का ध्यान आकर्षित किया है। महाराष्ट्र के लोगों में उत्सुकता थी कि क्या पिछले तीन वर्षों से लंबित यह मामला आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सुलझ पाएगा, लेकिन अब अगली तारीख तय होने के बाद इसके निकट भविष्य में सुलझने की संभावना कम लग रही है।






