उद्धव ठाकरे और राज ठकरे गठबंधन (कंसेप्ट फोटो)
मुंबई: शिवसेना यूबीटी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच चल रही गठबंधन की अटकलों पर आखिरकार उद्धव ठाकरे ने अपना मत स्पष्ट कर दिया है। यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे की मनसे पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना की अटकलों पर कहा कि महाराष्ट्र के लोग जो चाहेंगे, वही होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस बारे में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के मन में अब कोई भ्रम नहीं है। उद्धव ठाकरे ने कहा, “महाराष्ट्र के लोग जो चाहेंगे, वही होगा।” उद्धव और राज ठाकरे द्वारा हाल ही में दिए गए बयानों ने दोनों के बीच संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है। दोनों नेताओं के बयानों से अब ये साफ हो गया है कि मामूली मुद्दों को दूर कर अब दोनों दो दशक बाद हाथ मिला सकते है।
राज ठाकरे ने हाल ही में कहा था कि मराठी मानुष के हित के लिए एकजुट होना मुश्किल नहीं है। तो वहीं इसके जवाब में उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयों को किनारे रखने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को पार्टी में शामिल न किया जाए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे खबर देंगे।
Mumbai, Maharashtra: On the possibility of coalition between Shiv Sena (UBT) and Maharashtra Navnirman Sena (MNS), Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray says, “What lies in the heart of Maharashtra, will happen. There is no confusion in our minds or in the hearts of our Shiv… pic.twitter.com/99eJV3WWl9
— IANS (@ians_india) June 6, 2025
बीते दिन मनसे नेता अमित ठाकरे ने कहा था कि दोनों के बीच में मीडिया की बयानबाजी से गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि गठबंधन की किसी भी संभावना के लिए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को एक-दूसरे से बात करनी होगी। इससे पहले शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने भी गठंबधन पर सकारात्मक रवैया अपनाया था और कहा था कि अगर कोई महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए साथ आना चाहता है, तो हम उन्हें भी साथ लेकर चलेंगे।
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मनसे नेता अविनाश देशपांडे ने गठबंधन की अटकलों पर कहा, “जब हमें गठबंधन के लिए ठोस प्रस्ताव मिलेगा, तब राज ठाकरे इस पर फैसला लेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता के मन में जो होगा, वही होगा। लेकिन 2014 और 2017 में भी महाराष्ट्र की जनता के मन में कुछ था। लेकिन उद्धव ठाकरे के मन में वह नहीं था। इसलिए लोगों के मन में जो है, महत्वपूर्ण यह है कि उद्धव ठाकरे के मन में क्या है।”