भरग गोगावले और आनंद परांजपे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: रायगढ़ जिले के पालक मंत्री पद को लेकर उप मुख्यमंत्री शिंदे की शिवसेना के मंत्री भरत गोगावले एवं उप मुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी के बीच कटुता चरम पर पहुंच गई है। गोगावले लगातार अजित की एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे पर हमला बोलते रहे हैं। इस वजह से अब अजित की एनसीपी के प्रवक्ता आनंद परांजपे ने गोगावले को भ्रष्टाचारी बताते हुए।
आनंद परांजपे ने उनके भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने की चेतावनी दे दी है। शिवसेना (शिंदे गुट) व एनसीपी (अजित पवार) के बीच के तीखे वाकयुद्ध की वजह से महायुति सरकार की किरकिरी हो रही है और विपक्ष को महायुति सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति सरकार के गठन के बाद एनसीपी (अजित पवार) पार्टी की मंत्री अदिति तटकरे को रायगढ़ जिले का पालक मंत्री बनाया गया था जिसका शिवसेना (शिंदे गुट) के मंत्री भरत गोगावले के समर्थकों ने उग्र विरोध किया था।
नतीजतन सीएम फडणवीस ने रायगढ़ के पालकमंत्री की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। लगभग पांच महीने बाद भी इस पर निर्णय नहीं हो सका है। गोगावले खुद को पालक मंत्री बनाए जाने की जिद पर अड गए हैं। जबकि निर्णय होने में देरी होने के साथ उनका पारा चढ़ रहा है और वह सुनील तटकरे पर तीखा हमला बोल रहे हैं। उन्होंने तटकरे पर निशाना साधने के दौरान सिंचाई घोटाले का मुद्दा उठाया है।
तटकरे पर बढ़ते हमलों के बाद एनसीपी अजित पवार के प्रवक्ता व पूर्व सांसद आनंद परांजपे ने गोगावले पर उनका नाम लिए बगैर ही रविवार को हमला बोला। उन्होंने कहा कि रायगढ़ की थ्री इडियट्स में से एक ने एक बार फिर से तटकरे पर हमला बोला है। मैं उन्हें अपनी हरकतों से बाज आने की चेतावनी देता हूं। वर्ना मैं सात दिनों के अंदर उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि और घोटालों का पर्दाफाश कर दूंगा।
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परांजपे ने कहा कि तटकरे के भांजे की पत्नी की अहमदाबाद विमान हादसे में मौत हो गई है। इस वजह से तटकरे परिवार शोक ग्रस्त है लेकिन पालक मंत्री पद के लिए लालायित मंत्री की संवेदना मर गई है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे सिंचाई घोटाले की दबी हुई फाइल को बाहर निकलवाएं। परांजपे ने कहा कि तटकरे ने युति धर्म निभाया इसलिए गोगावले और शिवसेना (शिंदे गुट) के दो विधायक चुनाव जीते हैं।
पराजंपे की चुनौती पर गोगावले ने पलटवार करते हुए कहा है कि उन्हें मेरे घोटालों का शत प्रतिशत पर्दाफाश करना चाहिए। यदि वे ऐसा करते हैं तो मैं अपने मंत्री पद और विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा। लेकिन यदि वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें अपना मुंह काला करके घूमना होगा।